आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान

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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान
सितम्बर 28
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है जिसे पूरा करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग  जहां योग्य शिक्षकों की नियुक्ति करने और अन्य शिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान दें वहीं लोक निर्माण विभाग के पीआईयू द्वारा अच्छे भवन निर्मित किए जाएं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने की दिशा में निरंतर कार्य की आवश्यकता है।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मिंटो हाल सभा कक्ष से प्रदेश में 13 जिलों में स्कूल शिक्षा विभाग के 36 नवीन स्कूल भवन और अन्य सुविधाओं का लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय कार्य विभाग के 9 जिलों के 58 शैक्षणिक भवनों के लिए भूमि  पूजन भी किया।

 मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार का कार्य निरंतर चलेगा। हमने बेटियों की शिक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया है। प्रदेश में नए हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की स्थापना हुई है। यही कारण है कि बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल जा रहे हैं। किसी भी कीमत पर शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेंगे। प्राइमरी, मिडिल हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल लगातार खोले गए हैं। हजारों की संख्या में गांव स्कूल भवन विहीन थे। शालेय शिक्षा और जनजातीय कार्य दोनों विभाग मिलकर ब्रेन स्टार्मिग करें, योग्य शिक्षकों का चयन भी हो ताकि हम प्रदेश की शिक्षा का सकारात्मक रूप से परिदृश्य बदल दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रायमरी स्कूलों में बच्चे नियमित स्कूल जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण सुविधायुक्त स्कूल भवन का बन जाना है। यूपीएससी में भी प्रदेश के चार गुना बच्चे चयनित हो रहे हैं। स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही विद्यालय भवनों में प्रयोगशाला,पुस्तकालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।