नगरीय क्षेत्रों में जनहित के कार्य कराना सरकार का मुख्य ध्येय कोरोना काल में भी विकास की नई इबारत

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जयपुर,
18 जून 2021
राज्य सरकार ने नगरीय विकास की स्थिति को सुदृढ़ करने को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए नगरीय निकायों के ढांचे में मूलभूत परिवर्तन किये हंैै। नगरीय निकायों के कार्य में पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए उन्हेें स्वायत्तता प्रदान की है, जिससे सभी नगरीय निकाय फिर से जनहित के कार्यों में जुटे हैंैै। प्रदेश में नगरीय विकास को गति देने के लिए करीब 400 करोड़ रुपये व्यय कर विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों को गति प्रदान की गई, जिनमें जयपुर ,कोटा और अजमेर में पाॄकग, अस्पतालों के विकास और जलापूर्ति को लेकर 35 नए प्रोजे€ट, विधानसभा में आधुनिक डिजिटल म्यूजियम बनाने एवं अजमेर की आनासागर झील में दो फ्लोटिंग ब्रिज के लिए कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह पार्कों के संरक्षण और संवर्धन की योजना में 11 शहरों में 22.54 करोड़ के 46 पार्कों का काम पूरा किया जा चुका है। प्रदेश के 29 शहरों में सीवरेज जलापूर्ति ड्रेनेेज और ग्रीन कार्य को लेेकर 615 करोड़ के काम भी प्रगतिरत हैं।
नगरीय विकास के लिए नवाचार:-
नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में स्वायत्त शासन को सुगम बनाने के लिए निकायों के वार्डों का डिलिमिटेशन, जयपुर, जोधपुर, कोटा में दो-दो नगर निगम करने के साथ, स्वायत्त शासन विभाग, द्वारा भवन निर्माण स्वीकृति, साईनेज लाइसेन्स, फायर एन.ओ.सी, प्रॉपर्टी टै€स, ट्रेड लाइसेन्स, नाम हस्तान्तरण, सीवर कने€शन, 90ए भू-रूपान्तरण जैसी आवश्यक सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। इसके साथ ही राजस्थान नगर पालिका शहरी भूमि निष्पादन नियम 1974 के नियम 17 में संशोधन, जयपुर शहर विश्व हेरिटेज सिटी सूची में सम्मिलित,एरियल सर्वे, डिजिटल गूगल सर्वे से जयपुर में सम्पत्तियों के चिहृीकरण, नगरपालिकाओं के सदस्यों के निर्वाचन के संबंध में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता समाप्त, निकायों के अध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से करने के साथ एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों के लिए जोनल/से€टर डवलपमेंट प्लान की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को हाथ में लिया गया। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत जन अपेक्षाओं के अनुरूप कार्र्यों को सम्मिलित कर 2813 करोड़ रुपये के कार्य जयपुर, कोटा एवं उदयपुर में प्रगति पर हैं।

कोविड काल के कठिन दौर में महत्वपूर्ण कार्य
कोविड-19 के दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में भीलवाड़ा जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए किये गये कार्यो व ”भीलवाड़ा मॉडलÓÓ को देश-विदेश में सराहा एवं अपनाया गया है। कोरोना की द्वितीय लहर के समय ‘नो मास्क नो मूवमेंटÓ अभियान को रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा के तहत प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में सख्ती से लागू किया गया। लॉकडाउन के दौरान 77.17 लाख लीटर सोडियम हाइपो€लोराइट का छिडक़ाव, 1.99 करोड़ से अधिक मास्क का वितरण एवं 101 लाख घरों के बाहर जागरूकता पोस्टर चस्पा किये गये हंै। इस दौरान 62 लाख पोस्टरों का वितरण, 49,054 जागरूकता रैलियों का आयोजन, 81,832 जागरूकता होर्डिंग्स लगाने के साथ प्रतिदिन औसतन 5480 वाहनों के माध्यम से जागरूकता संदेश प्रसारित किये गये हैं।
राज्य में कोविड जनित मृत्यु के प्रकरणों में पार्थिव देह को अन्तिम संस्कार स्थल तक पहुॅचने के लिए प्रदेश के नगरीय निकायों में 155 एम्बुलेंस लगाकर परिवहन की नि:शुल्क व्यवस्था व कोविड प्रोटोकॉल के तहत अन्तिम संस्कार में होने वाले समस्त व्यय का वहन संबंधित नगरीय निकाय द्वारा 25 अप्रैल, 2021 से किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इन कार्यों के लिए नगरीय निकायों को 34 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं।
इसी तरह कोविड-19 की दूसरी घातक लहर से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में ऑ€सीजन की कमी को पूरा करने के लिए प्रथम चरण में 105 ऑ€सीजन प्लांट हेतु 61.66 करोड़ रुपये का कार्यादेश जारी किया गया है। सभी ऑ€सीजन प्लान्ट दो माह में स्थापित किये जाने का लक्ष्य है।
स्वायत्त शासन विभाग की प्राथमिकताएं
नगरीय निकाय मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्र के आमजन के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने एवं उन्हें मूलभूत सुविधाएं जैसे सडक़, नाली, सीवरेज, शौचालय निर्माण एवं सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था आदि उपलŽध कराने के कार्य हाथ में लिये हैं। राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकायों में विगत बजट घोषणाओं में लगभग 2700 करोड़ रुपये के विकास कार्य यथा टाउन हॉल, ड्रेनेज सिस्टम, तालाबों का पुनरुद्घार, पुरानी व नई सीवरेज लाइन, एस.टी.पी., एफ.एस.टी.पी., ओपन जिम, रिवर फ्रन्ट, शहीद स्मारक, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं सैप्टिक टैंक व सीवर सफाई कार्य हेतु सुरक्षा उपकरण/मशीन तथा मुख्य सडक़ों के मेजर रिपेयर आदि कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण करवाये जा रहे है। इसके अतिरिक्त अमृत योजना के तहत 29 शहरों में 3224 करोड़ के सीवरेज, ड्रेनेज, वाटर सप्लाई, ग्रीन स्पेस के कार्य किये जा रहे हंै।
अग्निशमन सुविधा का सुदृढ़ीकरण एवं फायर फाइटर्स की सुरक्षा
प्रदेश के शहरी क्षेत्र में बढ़ते औद्योगिकीकरण एवं बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के कारण आगजनी की घटनाओं में बढ़ोतरी को रोकने के लिए अब तक 155 अग्निशमन वाहन चालकों की भर्ती की जा चुकी है तथा 29 सहायक अग्निशमन अधिकारी व 600 फायरमैन की शीघ्र भर्ती की जायेगी। इसी तरह कोविड-19 के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा की दृष्टि से मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, दस्ताने क्रय करने के लिए 1000 रुपये का नकद भुगतान किया गया। ड््यूटी के दौरान नगरीय निकायों में कार्यरत अस्थायी, संविदाकर्मी एवं स्थायी कर्मचारी की कोरोना से मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिवारजन को 50 लाख रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा उपलŽध करवाने का भी निर्णय लिया गया।

शहरों में पार्किंग स्थल बनाने के लिए विशेष रणनीति
शहरी क्षेत्र में यातायात प्रबंधन तथा पार्किंग हेतु जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रॉजे€ट के अंतर्गत चार स्थानों पर 126 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जिनमें से चौगान स्टेडियम पर पार्किंग निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा जयपुरिया अस्पताल, अनाज मण्डी चांदपोल व रामनिवास बाग (द्वितीय चरण) में पार्किंग निर्माण का कार्य प्रगतिरत है।
अजमेर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत चार विभिन्न स्थलों पर कुल लागत 12.85 करोड़ रुपये के पार्किंग निर्माण कार्य प्रगतिरत है। कोटा शहर में स्मार्ट सिटी मिशन अन्तर्गत तीन स्थानों पर कुल राशि 50 करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं, जिसमें से एमबीएम/कोर्ट परिसर में पार्किंग निर्माण कार्य पूर्ण हो गया हंैं तथा जयपुर गोल्डन एवं मल्टीपर्पज स्कूल ग्राउण्ड में कार्य प्रगति पर है।
कचरा प्रबंधन व स्वच्छता के साथ आवश्यक सुविधाओं के कार्यों को प्राथमिकता
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन सडक़ों व नालियों की सफाई व घर-घर कचरा संग्रहण एवं परिवहन कार्य को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने हेतु आवश्यक उपकरण एवं मशीनें क्रय करने की वार्षिक दर स्वीकृत कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा सीवर एवं सैप्टिक टैंक सफाई कार्य के सुरक्षा उपकरणों हेतु कुल राशि रुपये 176 करोड़ का आधुनिक उपकरणों/मशीनों के लिए प्रावधान किया गया है।
इसी तरह प्रदेश में 60 आश्रय स्थलों का निर्माण, भीलवाड़ा और पाली में ठोस कचरा प्रबंधन, 14,786 घरेलू व्य€ितगत शौचालयों एवं 2202 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, 384 रूफटॉप रेन वॉटर संरचना निर्माण, 2 लाख 14 हजार 803 पौधारोपण, विभिन्न निकायों में 1 लाख 35 हजार 547 एलईडी स्ट्रीट लाइट, 18 नगरीय निकायों में अम्बेडकर भवनों का निर्माण, 21 नगरीय निकायों में आधुनिक सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, 30 नगरीय निकायों में श्मशानों व कब्रिस्तान का विकास, 63 नगरीय निकायों में 8500 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का निर्माण एवं 68 नगरीय निकायों में 110 पार्कों का विकास कार्य पूर्ण कर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोरोना जैसी विकट परिस्थितियों के बावजूद विकास की नई इबारत लिख रहे हैं।
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के एल मीना
उपनिदेशक (समाचार)