भाजपा ने बचाई भजन लाल की साख, आदमपुर में पहली बार खिला कमल

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

भाजपा ने बचाई भजन लाल की साख, आदमपुर में पहली बार खिला कमल

-मुख्यमंत्री मनोहर लाल और ओमप्रकाश धनखड़ की रणनीति के आगे कांग्रेस, आप और इनेलो ढ़ेर
-भाजपा ने बिश्नोई का गढ़ बचाया, लेकिन कांग्रेस का गढ़ ढ़हाया।

चंडीगढ़, 6 नवम्बर:

कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले आदमपुर विधानसभा में आखिरकार पहली बार उपचुनाव के जरिए भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल ही गया। भाजपा की इस जीत के मायने इसलिए भी है कि कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे कुलदीप बिश्नोई के विरोध की बातें क्षेत्र में खुले रूप से सुनी और महसूस की जा रही थी। ऐसे में भाजपा ने चुनाव की बागडोर पूरी तरह से अपने हाथ में नहीं ली होती तो रिजल्ट कुछ भी हो सकता था। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के कुशल नेतृत्व में चुनाव प्रबंधन में लगी भाजपा की एक मजबूत टीम ने समय रहते चुनाव को अपने हाथों में लिया और भव्य बिश्नोई को कुशल प्रबंधन के दम पर जीत दिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल एवं कुलदीप बिश्नोई की साख को बचा लिया।
प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां विधानसभा में योजनाबद्ध एक रणनीति के तहत प्रचार के लिए भाजपा के नेताओं को चुनावी रण में उतारा, तो खुद भी एक रणनीति के तहत आदमपुर में जनता के बीच पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष ने दो दिनों तक आधा दर्जन सभाएं करके विधानसभा के उन गांवों में बीजेपी के पक्ष में हवा बनाने में सफलता पाई, जहां जाट वोट कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट होते दिखाई दे रहे थे, लेकिन कांग्रेस के इस धु्रवीकरण की कोशिश की हवा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, चुनाव प्रभारी बनाए गए कृषि मंत्री जेपी दलाल, सुभाष बराला एवं भाजपा के अन्य जाट नेताओं ने निकाल दी।
इसी तरह प्रचार के अंतिम दिन एक नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आदमपुर मंडी में एक विशाल जनसभा के दौरान यह कहकर जीत पर लगभग मोहर लगा दी थी कि भव्य को जिताकर भेजो, बाकी काम मुझ पर छोड़ो। मुख्यमंत्री की इस अपील ने कुलदीप बिश्नोई के विरोध में चल रही हवा को ठंडा कर दिया। दलितों के भाजपा के विरोध में होने की अफवाह  भी कांग्रेस द्वारा एक रणनीति के तहत फैलाई गई, लेकिन भाजपा ने इसका जवाब अपने नेता रणबीर गंगवा और राज्य सभा सांसद कृष्ण लाल पंवार से दिलवाया। इन दोनों नेताओं ने रात दिन यहां मेहनत की और स्थिति को भाजपा के फेवर में बना दिया।
उप चुनाव समिति के समन्वयक के रूप में प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट को जिम्मेदारी दी थी। वेदपाल ने भी इस जिम्मेदारी को बड़ी खूबी से निभाया। इसके अलावा मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी को दी थी। सैनी की देखरेख में 10 प्रेसवार्ता हुई। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़,  कृषि मंत्री जेपी दलाल, खेल मंत्री संदीप सिंह, शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता,  सहकारिता मंत्री बनवारीलाल, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, विधानसभा उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा,  मनीष ग्रोवर, सांसद बृजेन्द्र सिंह, राज्य सभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, रामचंद्र जांगड़ा आदि नेताओं ने आदमपुर में विकास को फोकस करके पत्रकारों के सामने अपनी बातें रखीं। इसके अलावा गृह मंत्री अनिल विज, सांसद संजय भाटिया ने भी सरकारी कार्यों को ही अपनी जनसभाओं में गिनाया। जिससे यह मैसेज गया कि भाजपा सरकार ने बिना भेदभाव आदमपुर में भी तब काम कराया, जब कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में थे।
दिवाली के बाद भी एक बार ऐसा माहौल बना, जिससे लगने लगा कि शायद कांग्रेस प्रत्याशी जेपी भाजपा उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देंगे, लेकिन भाजपा के कुशल प्रबंधन के कारण भाजपा ने 16606 वोटों से एक करारी शिकस्त कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को दी। यहां तक की इनेलो और आप के प्रत्याशी तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इस जीत को 2024 के परिप्रेक्ष्य में देखें तो भाजपा के लिए ये जीत सुखद परिणाम देने वाली है। जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने न केवल आदमपुर व हिसार बल्कि प्रदेशभर में जश्न मनाया और इस जीत को 2024 में पार्टी के तीसरी बार जीत के आगाज के रूप में बताकर एक-दूसरे को बधाई दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने सभी को जीत की बधाई ट्वीट करके दी। दोनों ने ही इसे कार्यकर्ताओं की मेहनत और भाजपा के विश्वास की जीत करार दिया है।