मोहाली में अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे कच्चे अध्यापकों पर लाठीचार्ज की ‘आप’ ने की निंदा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

कैप्टन सरकार में अध्यापकों पर हो रहे अत्याचार बादल सरकार में भी हुए- हरपाल सिंह चीमा
पंजाब कांग्रेस की लड़ाई के चलते ा कैप्टन पंजाब के मुद्दों व लोगों की ओर नहीं दे रहे ध्यान
चंडीगढ़, 7 जुलाई 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मोहाली में अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे कच्चे अध्यापकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की सख्त निंदा की है। चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कच्चे अध्यापकों पर आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें, औरतों के कपड़े फाडऩे और लाठियों का प्रयोग करना बहुत ही निंदनीय है।
बुधवार को पार्टी मुख्य दफ्तर से जारी एक बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में करीब 15 सालों से काम करे अध्यापक कच्चे तौर पर नामात्र वेतन पर काम करने के लिए मज़बूर हैं। उन्होंने कहा कि यह अध्यापक पंजाब सरकार से वायदे के अनुसार पक्के करने की मांग कर रहे हैं, कोई जुल्म नहीं कर रहे। चीमा ने कहा कि पंजाब में एआईई, एसटीआर और अन्य कच्चे अध्यापकों ने अपने जीवन का लंबा समय सरकारी स्कूलों में सेवा करते गुजार दिया है और उनको मात्र 5 हजार से 10 हजार रुपए वेतन के तौर पर मिलते हैं। जो एक विकसित सूबे की सरकार के लिए शर्म की बात है।
चीमा ने कहा कि कैप्टन से पहले बादलों की सरकार के समय पर कच्चे अध्यापकों ने पक्के करने के लिए संघर्ष किया था और उस समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अध्यापकों के धरने में आ वायदा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर कच्चे अध्यापकों को पक्के किया जायेगा, परन्तु अब कैप्टन की सरकार वायदे पूरे करने की जगह अध्यापकों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा बादलों की सरकार समय पर भी इसी तरह अध्यापकों पर अत्याचार किये गए थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अलोचना करते हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बेरोजग़ार नौजवानों को रोजग़ार देने की जगह विभागों के पुनर्गठन के नाम पर हजारों सरकारी नौकरियां खत्म कर दीं हैं। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के चलते कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त हुए रहते हैं और उनको पंजाब के लोगों की कोई प्रवाह नहीं है। चीमा ने मुख्यमंत्री से अपील की कि संघर्ष कर रहे अध्यापकों पर पुलिस अत्याचार बंद करे और अध्यापकों की मांगें मान कर उनको पक्का किया जाये।