वर्तमान समय में उर्वरकों का अंधाधुध प्रयोग पर्यावरण व जीवों के लिए घातक बनता जा रहा है

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

चंडीगढ़,18 जून– चौधरी चरण सिहं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कम्बोज ने कहा कि वर्तमान समय में उर्वरकों का अंधाधुध प्रयोग पर्यावरण व जीवों के लिए घातक बनता जा रहा है। किसान फसलों के अधिक उत्पादन के लिए लगातार रासायनिक उर्वरकों का अंसतुलित मात्रा में अपने खेतों में प्रयोग कर रहे हैं जो संपूर्ण मानव जाति के अलावा पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है।
वे विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक दिवस पर आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक परामर्श के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी है। उर्वरकों की अधिक मात्रा में उपयोग से धान, गेंहू व कपास आदि फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की बजाए स्थिर हो गई है। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मक्का उत्पादन केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ. सांई दास व अंतराष्ट्रीय उर्वरक विकास केंद्र के निदेशक डॉ. यशपाल सहरावत भी उपस्थित थे।