विद्यार्थियों को केन्द्र में रखकर हो विभागीय गतिविधियों का प्रभावी संचालन-शिक्षा मंत्री

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

जयपुर, 11 जनवरी 2024
शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा कि विद्यार्थियों के हित और उनके सर्वांगीय विकास के लिए हम सभी जिम्मेदार है। विभाग के सभी अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक विद्यार्थियों के हितों को केन्द्र में रखकर एक टीम के रूप में मिलकर कार्य करते हुए विभागीय गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी संचालन करें ।
श्री  दिलावर ने गुरुवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना, शाला दर्पण पोर्टल, ज्ञान संकल्प  पोर्टल एवं राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की कार्यप्रणाली सहित अन्य गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली और इस दौरान ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन की ओर से प्राप्त अच्छे और व्यवहारिक सुझावों के आधार पर विभाग में सुधार के लिए निरंतर पहल की जाए, वहीं  शिकायतों और प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए सजगता से कार्य किया जाए।
शिक्षा मंत्री ने इस दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति और मूल निवास प्रमाणपत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों को बनाने के लिए संस्था प्रधानों और जिला शिक्षा अधिकारियों के समन्वय से एक सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। श्री दिलावर ने शिक्षा विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में सोचें और इसकी कार्ययोजना बनाएं।
श्री दिलावर ने कहा कि वर्ष 2006 में हमारी सरकार के समय में विद्यार्थियों से बिना एप्लीकेशन लिए मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की पहल की गई थी। इसके तहत स्कूलों के संस्था प्रधानों द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार कर विद्यार्थियों से भरवाया गया, फिर ग्राम सेवक और पटवारी के साथ समन्वय करते हुए जानकारी को सत्यापित कराया गया। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर कार्यवाही करते हुए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के ऐसेे प्रमाण पत्र बनवाए गए। उन्होंने इसी तर्ज पर शिक्षा विभाग के स्तर पर सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तक मंडल के स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि नए सत्र में स्कूलों के खुलते ही पाठ्यक्रम की सभी किताबें विद्यार्थियों के पास पहुंचे, इसके लिए कार्ययोजना और प्रक्रियाओं का निर्धारण किया जाए। उन्होंने सतत शिक्षा और साक्षरता से संबंधित गतिविधियों की प्रगति के बारे में भी अधिकारियों से फीडबैक लिया। इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, पाठ्यपुस्तक मंडल, साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय और अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।