चंडीगढ़, 7 सितंबर- हरियाणा सरकार राज्य के सभी कपास उत्पादकों, जिनकी हाल ही में सफेद मक्खी और पैराविल्ट के कारण फसल को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा देगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे सभी कपास उत्पादकों, चाहे वह ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत पंजीकृत हैं या नहीं, सभी को मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल के निर्देशानुसार राजस्व विभाग से अनुरोध किया गया था कि वे उन कपास उत्पादकों के खेतों में समयबद्ध तरीके से विशेष गिरदावरी करें, जिन्होंने फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण नहीं कराया है।
जिन लोगों ने योजना के तहत पंजीकरण करवाया हुआ है उनको फसल कटाई प्रयोगों के दौरान नुकसान के आकलन के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की जरूरत नहीं है क्योंकि नुकसान का आकलन ग्राम स्तर पर किया जाएगा।
श्री कौशल ने कहा कि सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, जींद और भिवानी जिलों में सफेद मक्खी के हमलों की रिपोर्ट के बाद विभाग ने कपास उत्पादकों को उनकी फसलों पर दो या इससे अधिक कीटनाशकों के मिश्रण का उपयोग करने के प्रति आगाह किया था। इसके बजाय किसानों को सफेद मक्खी और पैराविल्ट से निपटने के लिए नीम-आधारित उपचार का उपयोग करने और फसल की निगरानी करने की विशेष तौर पर सिंचाई या बारिश के बाद, सलाह दी जाती है।
उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के सही तरीके से उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रभावित जिलों में एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।

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