चंडीगढ़, 4 सितंबर- हरियाणा के बिजली वितरण निगम अपने कर्मचारियों, खास तौर पर लाइनों पर काम करने वाले तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर बेहद गम्भीर हैं। निगमों द्वारा अपने तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किए गए विषेष प्रबंधों और उन्हें मुहैया करवाई गई अंतर्राष्ट्रीय मानकों की सुरक्षा किट के चलते गत दो वर्षों में बिजली हादसों में भारी कमी आई है।
गौरतलब है कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) पूरे हरियाणा में बिजली वितरण का काम करते हैं।
बिजली निगमों के प्रवक्ता ने बताया कि यूएचबीवीएन के तकनीकी कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता के 9000 दस्ताने, 18450 वोल्टेज सेंसर, 525 सीढिय़ां, 14750 ब्रेकडाउन किट तथा 18450 हैलमेट उपलब्ध कराए गए हैं। ये उपकरण तकनीकी कर्मचारियों को लाइन पर काम करते समय करंट से बचाते हैं। इस किट में वोल्टेज सेंसर वाले हैलमेट भी शामिल हैं जो 11 केवी लाइन के करंट को 6 फुट की दूरी से बता देते हैं।
उन्होंने बताया कि बिजली के खम्बों पर चढऩे के लिए तकनीकी कर्मचारियों को फाइबर रेनफोस्र्ड प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी सीढिय़ां भी उपलब्ध कराई गई हैं, जो तार से सटे होने पर भी तकनीकी कर्मचारी को करंट से बचाती हैं। कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता की सेफ्टी बेल्ट भी दी गई हैं ताकि वे सुरक्षित तरीके से रखरखाव कार्य कर सकें। इसी वजह से यूएचबीवीएन के 39 सब-डिवीजन में पिछले एक वर्ष में बिजली लाइन पर एक भी दुर्घटना नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि बिजली हादसों को पूरी तरह रोकने के लिए हर महीने की पहली तारीख को तकनीकी कर्मचारियों को जागरूक किया जाता है। तकनीकी कर्मचारी बिजली दुर्घटनाओं से कैसे बचें, इसके लिए एक बुकलेट भी बनाई गई है। इसमें बिजली दुर्घटनाओं से बचने संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें बताया गया है कि बिजली लाइनों पर कार्य करने के लिए परमिट सिर्फ निगम के एसडीओ (ऑपरेशन) द्वारा अधिकृत कर्मचारी को ही दिया जाएगा।
बुकलेट में बताया गया है कि एसडीओ (ऑपरेशन) द्वारा अधिकृत कर्मचारियों का नाम, उसका रजिस्टर्ड व्हाट्सएप्प मोबाइल नंबर, कार्यक्षेत्र आदि से सम्बन्धित जानकारी कार्यालय आदेश के साथ सभी सब-स्टेशनों में तथा कर्मचारियों को उपलब्ध करवाई जाए। रूटीन के रख-रखाव कार्यों के परमिट लेने के लिए अधिकृत कर्मचारी का सब-स्टेशन जाकर परमिट लेना अनिवार्य है। एमरजेंसी के दौरान अधिकृत कर्मचारी द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से सब-स्टेशन इंचार्ज को भरे हुए परमिट फार्म की फोटो भेजी जाएगी और वह सब-स्टेशन इंचार्ज को फोन भी करेगा। इस बुकलेट में यह भी बताया गया है कि एसडीओ (ऑपरेशन) ऐसी अवैध इमारतों की पहचान करके सूची तैयार करेगा, जहां अवैध निर्माण के कारण बिजली हादसों का खतरा अधिक है।
प्रवक्ता ने बताया कि निगमों की तरफ से बिजली दुर्घटनाओं से बचने के लिए किसानों को भी जागरूक करने के लिए एक पुस्तिका तैयार की जा रही है, जो जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।

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