सांभर झील प्रबंधन समिति की तीसरी बैठक

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सांभर झील को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए करेंगे हर संभव प्रयास —मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सांभर झील प्रबंधन एजेंसी
जयपुर, 10 जनवरी 2024
सांभर झील प्रबंधन समिति की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मोनाली सेन ने कहा कि सांभर झील ने राज्य को देश में  सर्वाधिक नमक उत्पादन करने वाली झील  एवं रामसर साइट के साथ विशेष पहचान हासिल करवाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि चूंकि सांभर झील राज्य में न केवल एक पर्यटन क्षेत्र है बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख भाग भी है इसलिए सांभर झील का संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्धता के साथ प्रत्येक पहलू पर कार्य करना होगा।
श्रीमती मोनाली सेन बुधवार को सचिवालय में सांभर झील  प्रबंधन  समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने द्वितीय बैठक के अंतर्गत एजेंडा के विषयों की प्रगति समीक्षा करते हुए कहा कि झील क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय निवासियों के साथ तालमेल स्थापित कर शीघ्र ही सांभर झील को अतिक्रमण मुक्त किया जाये जिससे सांभर झील के मूल स्वरूप को बचाया जा सके एवं झील क्षेत्र पूर्णतया प्रदूषण मुक्त  हो सके। इस दौरान उन्होंने मौजूद अधिकारियों से झील में अतिक्रमण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक के दौरान भूजल विभाग द्वारा सांभर झील के पिछले एक वर्ष के भूजल स्तर का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। साथ ही सांभर झील पर की गई हाइड्रोलॉजिकल स्टडी पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। चूंकि सांभर झील विश्व पटल पर अंतरराष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थल के रूप में अंकित है। एग्जीक्यूटिव बॉडी द्वारा सभी संबंधित विभागों की उपस्थिति में जनसुनवाई के माध्यम से सांभर झील को आर्द्रभूमि ( संरक्षण एवं प्रबंधन) अधिनियम, 2017 के तहत अधिसूचित किए जाने का निर्णय पारित किया गया।
इस दौरान उपवन संरक्षक जयपुर शहर, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सांभर लेक मैनेजमेंट एजेंसी (मुख्यालय),अतिरिक्त जिला कलेक्टर डीडवाना कुचामन, उपनिदेशक पर्यटन,संयुक्त निदेशक उद्योग विभाग, अधिशासी अभियंता एवीवीएनएल, अधिशासी अभियंता स्वास्थ्य शासन विभाग, पशुपालन विभाग और सांभर सॉल्ट लिमिटेड के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।