सुपवा कुलपति की पात्रता मानदंड में परिवर्तन

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पात्रता मानदंडों और कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद, योजना बोर्ड और विश्वविद्यालय के संकायों आदि के गठन में परिवर्तन का भी निर्णय
चंडीगढ़, 5 अगस्त – हरियाणा सरकार ने पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक, अधिनियम, 2014 और कुलपति की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड में परिवर्तन के संबंध में  इसकी अनुसूची में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश पारित किया है ताकि पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक को फिल्म एवं टीवी के एक विशेष संस्थान के रूप में परिवर्तित किया जा सके और फिल्म एवं टीवी के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्तियों को विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त और विश्वविद्यालय के कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद और योजना बोर्ड के गठन और संकाय में परिवर्तन किया जा सके।
इस आशय का निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
फिल्म एवं टेलीविजन, फोटोग्राफी, अभिनय, नृत्य, मीडिया, ललित कला, पेंटिंग और संबंधित क्षेत्रों को मुख्य क्षेत्रों के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक शिक्षण-सह-प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए अध्यादेश की आवश्यकता है।
सरकार एक चयन समिति भी गठित करेगी और तकनीकी शिक्षा विभाग,हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव इसके अध्यक्ष होंगे और कुलाधिपति का एक नामित और कार्यकारी परिषद एवं परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स के क्षेत्र में  प्रतिष्ठित संस्थानों/उद्योग से एक-एक नामित व्यक्ति शामिल होंगे जो वर्णानुक्रम में कम से कम तीन नामों का एक पैनल तैयार करेंगे, जिनमें से कुलाधिपति सरकार की सलाह पर कुलपति की नियुक्ति करेंगे।
कुलपति फिल्म एवं टेलीविजन / ललित कला के क्षेत्र से एक प्रसिद्ध व्यक्ति  होगा और वह तीन वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करेंगे और उनके कार्यकाल एक बार से अधिक के लिए नवीनीकृत नहीं किया जा सकेगा। बशर्ते कि वह सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पद धारण करना बंद कर देगा, चाहे उनका कार्यकाल समाप्त न हुआ हो।
पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक रोहतक शहर के केंद्र में स्थित है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आता है। विश्वविद्यालय प्रदर्शन और दृश्य कला में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के रूप में उभर कर सामने आया है।
राज्य सरकार ने कुलपति की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंडों और कोर्ट, कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद, योजना बोर्ड और विश्वविद्यालय के संकायों आदि के गठन में परिवर्तन का भी निर्णय लिया है।
इस समय विधानसभा सत्र में नहीं है और मामला तत्काल जनहित का है। अत: इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि विधेयक की प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया और अन्य संबंधित मुद्दों में देरी हो सकती है, इसलिए स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आट्र्स, रोहतक, अधिनियम, 2014 में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाना आवश्यकता हो गया है।