हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ (एचडीडीसीएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों पर पड़ रहे प्रभावों को कम करने के लिए एक बड़ी पहल करते हुए अपने डेयरी किसानों और वीटा बूथों के लिए एक समर्पित डिजिटल भुगतान वॉलेट ‘‘वीटापे’’ शुरू किया

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चंडीगढ़, 30 अप्रैल – हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ (एचडीडीसीएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों पर पड़ रहे प्रभावों को कम करने के लिए एक बड़ी पहल करते हुए अपने डेयरी किसानों और वीटा बूथों के लिए एक समर्पित डिजिटल भुगतान वॉलेट ‘‘वीटापे’’ शुरू किया है।
प्रसंघ के प्रबंध निदेशक श्री ए.श्रीनिवास ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान कोविड संकट में दैनिक आधार पर भौतिक रूप से नकदी लेन-देन को संक्रमण फैलने का एक प्रमुख कारक माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में डेयरी किसानों, वीटा बूथ और अन्य सहयोगियों के लिए एक समर्पित वॉलेट, ‘‘वीटापे’’ प्रसंघ के कामकाज, सेवाओं, बाजार में उपस्थिति को बढ़ावा देने के साथ-साथ बूथ मालिकों को अतिरिक्त आय अर्जित करने में भी मदद करेंगे।
उन्होंने बताया कि खुदरा नेटवर्क और ब्रांड की उपस्थिति को मजबूत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए प्रसंघ ने अपनी सभी 3300 से अधिक सक्रिय दुग्ध समितियों और वीटा बूथों को बैंकिंग संवाददाता के रूप में कार्य करने और डिजिटल भुगतान वॉलेट ‘‘वीटापे’’ को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि दुग्ध खरीद मूल्य श्रृंखला को डिजिटल बनाने और अपनी सभी 3300 से अधिक सक्रिय दुग्ध समितियों और 500 से अधिक वीटा बूथों पर बैंकिंग संवाददाता सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता मैक्सिमस इन्फोवेयर इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने यस बैंक और क्विक सिल्वर कनैक्टिंग दी डॉट सर्विसिज प्राईवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया है। इस समझौते के माध्यम से प्रसंघ उन गांवों में डेयरी किसानों को वित्तीय मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहा है, जहां मैक्सिमस और यस बैंक आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं (एईपीएस), यूपीआई, घरेलू मनी ट्रांसफर (डीएमटी) जैसी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सेवाएं और अन्य संबंधित सेवाएं उपलब्ध करवाएंगे।
श्री ए.श्रीनिवास ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतानों का विस्तार करना, अंतिम छोर तक वित्तीय समावेशन को प्राप्त करना, समितियों के समग्र राजस्व में वृद्धि करने के साथ-साथ लाखों अनबैंक्ड और अंडरबैंक्ड डेयरी किसानों के लिए अनेक वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रसंघ द्वारा की गई यह प्रमुख पहल अधिक से अधिक किसानों को आईएमपीएस, एनईएफटी और डीएमटी जैसे भुगतान विधियों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने बताया कि प्रसंघ कोविड-19 महामारी के इस संकटकाल में अपनी उपस्थिति और भूमिका बढ़ाने के लिए वीटा ब्रांड को नये रूप में प्रस्तुत करने लिए विभिन्न पहलुओं पर लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि एजेंसी सभी हितधारकों को इनसे सम्बंधित सभी प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिनके सकारात्मक परिणाम शीघ्र ही दिखाई देंगे।