हरियाणा विधानसभा में पंजाब दुकानात एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025 हुआ पारित- श्रम मंत्री श्री अनिल विज

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आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा श्रमिकों के हकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु विधेयक हुआ पारित- अनिल विज

यह विधेयक श्रमिकों व दुकानदारों दोनों के लाभ व बेहतरी के लिए हैं- विज

चण्डीगढ, 22 दिसंबर 2025

हरियाणा के श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा विधानसभा ने छोटे प्रतिष्ठानों पर अनुपालन का बोझ कम करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा श्रमिकों के हकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हरियाणा दुकानात और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक श्रमिकों व दुकानदारों दोनों के लाभ व बेहतरी तथा श्रमिकों व दुकानदारों के हित में है।

श्री विज ने आज हरियाणा दुकानात और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025 को प्रस्तुत किया और ये विधेयक पारित हुआ है।

उन्होंने इस विधेयक की प्रमुख विशेषताओं पर जानकारी देते हुए बताया कि छोटे व्यवसायों पर अनुपालन का बोझ कम करने, रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने और अनुपालन न करने के डर को समाप्त करने के उद्देश्य से पंजीकरण व विधेयक के अन्य प्रावधानों के लिए कर्मचारियों की सीमा को शून्य से बढ़ाकर 20 या उससे अधिक कर दिया है। अब 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को विधेयक के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उन्हें केवल अपने व्यवसाय की सूचना देनी होगी, जबकि पहले प्रत्येक दुकानदार को पंजीकरण करवाना होता था। उन्होंने बताया कि आज भी कर्नाटक जैसे राज्यों में एक भी कर्मचारी न होने पर दुकानदार को पंजीकरण करवाना होता है।

उन्होंने बताया कि इस विधेयक को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा पूरे भारत के राज्यों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 20 कर्मचारियों या उससे अधिक कर्मचारियों के पंजीकरण को किया गया है। इसी प्रकार, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश व उडीसा में भी 20 कर्मचारियों या उससे अधिक कर्मचारियों के पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। ऐसे ही, दैनिक कार्य घंटों में हरियाणा सहित महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व उडीसा में 10 घंटे है। इसी तरह, ओवरटाइम के सबसे 156 घंटे हरियाणा में किए जा रहे हैं, जो देशभर में सबसे अधिक है, जबकि महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उडीसा में 144 घंटे है तथा उत्तर प्रदेश में 125 घंटे, तमिलनाडु में 72 घंटे और कर्नाटक में 50 घंटे हैं। इसी प्रकार, इंटरवल आफ रेस्ट में हरियाणा सहित महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व उडीसा में भी 6 घंटे हैं।

श्रम मंत्री ने बताया कि दैनिक कार्य घंटों को नौ घंटों से बढ़ाकर दस घंटे कर दिया है जिसमें विश्राम अंतराल भी शामिल हैं, बशर्ते कि किसी भी सप्ताह में कार्य के घंटे अधिकतम अड़तालीस हों। इसका उद्देश्य अधिक आर्थिक गतिविधि सृजित करना, रोजगार के अवसरों को बढ़ाना और प्रतिष्ठानों को आपात स्थितियों या कर्मचारियों की कमी को बिना किसी रूकावट के संभालने के लिए लचीलापन प्रदान करना है।

इसी प्रकार, श्री विज ने बताया कि तिमाही के भीतर ओवरटाइम की अवधि 50 घंटे से बढ़ाकर 156 घंटे कर दी गई है ताकि प्रतिष्ठानों को असाधारण कार्यभार से निपटने के लिए प्रति तिमाही अधिक समय तक श्रमिकों से ओवरटाइम करवाने की अनुमति मिल सके। इस बदलाव से श्रमिकों की आय की क्षमता बढ़ेगी और ओवरटाइम प्रथाओं को औपचारिक रूप दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी अतिरिक्त घंटों का उचित रिकॉर्ड रखा जाए और उनका भुगतान किया जाए, जिससे श्रमिकों के शोषण को रोका जा सकेगा। हालांकि, श्रमिकों के लिए ओवरटाइम करना अनिवार्य नहीं होगा।

श्री विज ने बताया कि नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र को अनिवार्य कर दिया गया है जिससे रोजगार में औपचारिकता को बढ़ावा मिलेगा। इस बदलाव से सत्यापित रोजगार रिकॉर्ड, कौशल मानचित्रण, बेहतर कल्याणकारी योजनाओं का वितरण, बढ़ी हुई पारदर्शिता, उच्च प्रतिधारण दर और जीवनयापन में सुगमता आएगी। इसी प्रकार, इसके उल्लंघन के लिए कारावास की सजा को अपराध की श्रेणी से हटाकर केवल जुर्माना 3 हजार से 25 हजार रुपये तक का कर दिया गया है. ताकि इस विधेयक  का प्रवर्तन कमजोर न हो। इससे श्रमिकों और प्रतिष्ठानों के अधिकारों के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि कानूनों को कोई भी उल्लंघन करेगा तो वह सजा भुगतेगा तथा बार-बार कोई उल्लंघन करेगा तो सजा के संबंध में विचार भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा दुकानात और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2025 के संबंध में यह कानून 1958 में बना था और उसके बाद बहुत सी परिस्थितियों में परिवर्तन आया हैं। उन्होंने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से अडचन वाले प्रावधानों को खत्म किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरा अध्ययन करने के पश्चात ही उनके द्वारा इस विधेयक को उनके द्वारा तथा मुख्यमंत्री से स्वीकृति दिलवाई गई है ताकि यह अन्य राज्यों की तरह समान रूप से हों। उन्होंने कहा कि हमने यह भी कहा है कि स्वयं प्रमाणित दस्तावेजों के तहत एक दिन में दुकानदारों को ऑनलाइन पंजीकरण होगा।