हिमाचल प्रदेश में कृषि आंदोलन का ज्यादा प्रभाव नहीं है; कांग्रेस के नेता इस पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं: सुरेश कश्यप

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य नेता बौखलाहट में आकर बयान बाजी कर रहे हैं: सुरेश कश्यप 

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

हिमाचल प्रदेश में कृषि आंदोलन का ज्यादा प्रभाव नहीं है; कांग्रेस के नेता इस पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं: सुरेश कश्यप

हिमाचल प्रदेश. 10 फरवरी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कृषि आंदोलन का ज्यादा प्रभाव नहीं है केवल मात्र कांग्रेस के नेता इस पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी मुद्दाविहीन है और अपने आप को जीवित रखने के लिए एक कृषि आंदोलन को लेकर विभिन्न प्रदर्शन कर रही है।

उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतने ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। भाजपा केंद्रीय नेतृव ने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के मुद्दों के समाधान हेतु, भारत सरकार ने 11 दौर में लगभग 45 घंटे किसान यूनियनों के साथ वार्ता की है।

उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने 10,000 एफपीओ बनाने का  महत्वपूर्ण कार्य किया है,  जो कि छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाला हैं। महाराष्ट्र में एफपीओ बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुनी करने की बात कही है, इस लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में केंद्र व राज्य सरकार तथा आईसीएआर व किसान पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा पिछले 6 सालों में दालों के एमएसपी को 40% से 73% तक बढ़ाया गया है, जिसका लाभ निश्चित ही देश के किसानों को मिल रहा है।

उन्होंने कहा भारत दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा हैं। पिछले पांच-छह सालों में किसानों व वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण देश ने अपने दलहन उत्पादन को 140 लाख टन से बढ़ाकर 240 लाख टन कर लिया है।