कांग्रेस ने दलितों, कृषि और औद्योगिक सैक्टर की बिजली सब्सिडी पर लटकाई तलवार -हरपाल सिंह चीमा 

Harpal Singh Cheema aap Leader LoP

Sorry, this news is not available in your requested language. Please see here.

-अपनी कैबिनेट के फैसले के उलट भुगती ‘शाही सरकार’ – अमन अरोड़ा
-‘आप’ की चुनौती- मुख्यमंत्री पटियाला और बाकी विधायक अपने-अपने सरकारी अस्पतालों में हों एकांतवास

चंडीगड़, 29 अगस्त 2020
नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कांग्रेस की अमरिन्दर सिंह सरकार पर ओर कर्ज उठाने के लिए केंद्र सरकार की शर्तों के समक्ष घुटने टेकने और दलितों समेत कृषि सैक्टर को बिजली सब्सिडी पर तलवार लटकाने का गंभीर इल्जाम लगाया है। इसके साथ ही चण्डीगढ़ प्रशाशन से मांग की है कि वह मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह, स्पीकर राणा के.पी सिंह, विधायक कुलबीर सिंह जीरा और निर्मल सिंह शुतराणा पर कोविड-19 के दिशा निर्देशों की विधान सभा में की उल्लंघन के दोष में मुकदमा दर्ज किया जाए।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी संयुक्त बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री को चुनौती दी कि वह शाही फार्म हाऊस में एकांतवास होने की बजाए राजिन्दरा अस्पताल पटियाला में एकांतवास हों और इसी तरह कोरोना पॉजेटिव आए सभी कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों के लिए अपने-अपने सरकारी अस्पतालों और कोरोना केयर सेंटरों में ही एकांतवास इलाज अनिवार्य बनाएं। इस तरह जहां डाक्टर और स्टाफ का हौंसला और आम लोगों का सरकारी इलाज में यकीन बढ़ेगा, वहीं ‘बेहतरीन’ प्रबंधों की जमीनी हकीकत भी आंखों देखी जा सकेगी। ‘आप’ नेताओं मुताबिक सरकारी अस्पतालों और कोरोना केयर सेंटरों की हालत बेहद दयनीय है।
हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने बीते दिन पंजाब विधान सभा में वित्तीय जिम्मेदारी पर बजट प्रबंधन (दूसरा संशोधन) बिल-2020 को पंजाब कैबिनेट फैसले के उलट जा कर बिना बहस-विचार तानाशाही अंदाज में पास करके जहां पहले ही सवा दो लाख करोड़ के ऋणी हुए पंजाब को ओर कर्जे में दबने का घातक कदम उठाया है, वहीं दलित, किसानों और इंडस्ट्री सैक्टर को मिलती बिजली सब्सिडी पर भी तलवार लटका दी है। क्योंकि कुछ राज्य घरेलू उत्पादों (ऐसजीडीपी) के मुकाबले 3 प्रतिशत तक कर्ज उठाने की सीमा पार किए बैठे पंजाब को कोरोना के कारण जो 2 प्रतिशत फालतू कर्ज लेने की जो छूट मिली है, उस में से डेढ़ (1.5) प्रतिशत केंद्र सरकार की 4 शर्तों पर मिलेगा। जिनमें से एक शर्त प्रदेश सरकार की तरफ से दी जा रही बिजली सबसिडियां बंद करने के साथ सम्बन्धित है, जिस के साथ कृषि सैक्टर, इंडस्ट्री और दलित परिवारों को मिलती बिजली सब्सिडी पर तलवार लटका दी गई है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि सदन में इस मुद्दे पर जब उनके समेत ‘आप’ विधायकों की तरफ से जोरदार विरोध किया गया तो वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बिजली सब्सिडी जारी रखने का भरोसा समूचे सदन को दिया, परंतु कांग्रेसियों के भरोसा पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने चेतावनी दी है कि यदि कांग्रेस सरकार ने फालतू कर्ज उठाने की शर्तें और केंद्र सरकार के दबाव में आ कर पंजाब के किसानों, दलितों और इंडस्ट्री सैक्टर को मिलती बिजली सब्सिडी बंद करने की गुस्ताखी की तो आम आदमी पार्टी सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी।