लोक मसलों से भागने में एक-दूसरे से आगे हैं राजा, मोदी और बादल-भगवंत मान

MP Bhagwant Mann

जनता को महंगी बिजली के करंट से ओर कितना मारेगी कांग्रेस सरकार -‘आप’

चण्डीगढ़, 3 सितम्बर 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने जहां संसद के मॉनसून सत्र को लेकर केंद्र की नरिन्दर मोदी सरकार को घेरा है, वहीं केंद्रीय इलैक्ट्रीसिटी ऐपीलांट ट्रिब्यूनल में प्राईवेट थर्मल प्लांट के हाथों एफजीडी यंत्रों के खर्च के बारे में केस हारने वाली पंजाब सरकार को कटघरे में खडा किया है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान और सोशल मीडिया के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि 14 सितम्बर से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र के लिए हास्यास्पद और गैर जरूरी शर्तें लगाई गई हैं और प्रश्न-काल या शून्य काल (जीरो आवर) जैसी अति महत्वपूर्ण कार्यवाहियां रद्द कर दी गई हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह लोकतंत्र और लोक विरोधी फैसले हैं क्योंकि सरकार लोकतांत्रिक और कानूनन कदरों-कीमतों का कत्ल करके संसद में लोक मसलों से भागना चाहती है।
कांग्रेस हाईकमान पर बरसते भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता संसद के मॉनसून सत्र को लेकर तो मोदी सरकार को कोस रहे हैं, परंतु पंजाब विधान सभा में मॉनसून सत्र को केवल डेढ़ घंटे में निपटा कर लोकतंत्र वाली अमरिन्दर सिंह सरकार कांग्रेस हाईकमान को दिखाई नहीं दी।
मान ने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल (बादल) को पंजाब, पंजाबियत लोकतंत्र या पंथ तब ही क्यों याद आते हैं जब यह विरोधी पक्ष में होते हैं।
भगवंत मान ने तलवंडी साबो और राजपुरा के प्राईवेट थर्मल प्लांटों में प्रदूषण सुधार के लिए फ्लू गैस डीस्लफराईजेशन (एफजीडी) उपकरण लगाने का सारा 7731 करोड़ रुपए का खर्चा पावरकॉम (पंजाब सरकार) पर डालने के लिए अमरिन्दर सरकार के साथ-साथ पिछली बादल सरकार को बराबर का जिम्मेदार बताया। मान ने बताया कि बादलों की ओर से किए गए घातक और एकतरफा बिजली खरीद समझौते (पीपीएज) और अमरिन्दर सरकार की ओर से बादलों के पीपीएज रद्द न करने और इस केस की सही वकालत न करने के कारण यह केस हारा है। जिसके लिए प्राईवेट थर्मलों में लगने वाले यंत्रों का खर्चा भी सरकारी खजाने (पावरकॉम) पर पड़ रहा है, जो बिल्कुल नाजायज और अनावश्यक वित्तीय बोझ है। जिस को बिजली खप्तकारों से ही वसूला जाएगा।
भगवंत मान ने अमरिन्दर सिंह सरकार को सवाल किया कि पहले ही हद से अधिक महंगी की मार बर्दाश्त कर रहे पंजाब के बिजली खप्तकारों को महंगी बिजली के करंट के साथ ओर कितना मारोगे।