आदिवासी क्षेत्र के दिव्यांग पंकज मीणा को तत्काल मिला संबल अब कृत्रिम हाथों से संवार सकेगा अपनी जिंदगी

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जयपुर, 20 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता से उदयपुर जिले के निवासी दिव्यांग पंकज मीणा को तत्काल प्रभाव से राहत मिली है। अब पंकज कृत्रिम हाथों से अपनी जिंदगी संवार सकेगा।
आदिवासी क्षेत्र के ग्राम कागदर के रहने वाले 25 वर्षीय पंकज ने बचपन में ही खेत में बिजली के तारों से करंट लगने के कारण अपने दोनों हाथ खो दिए थे। उस पर और उसके पूरे परिवार पर इस घटना से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था, लेकिन पंकज ने हिम्मत नहीं हारी और लगन एवं साहस का परिचय देते हुए दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की।
पंकज 19 जुलाई को मदद की आस लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था। यहां अधिकारियों ने उसकी पीड़ा सुनी और देखा कि दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद उसने अपनी मेहनत और लगन से दसवीं तक पढ़ाई की है तो अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को इस प्रकरण से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस पर तत्काल प्रभाव से पंकज के कृत्रिम हाथ लगवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने त्वरित प्रभाव से कार्यवाही करते हुए भगवान महावीर विकलंाग सहायता समिति के माध्यम से पंकज के दोनों कृत्रिम हाथ निशुल्क लगवाए। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता और सदाशयता के चलते 20 जुलाई को ही पंकज के दोनों कृत्रिम हाथ लग गए और पंकज को बड़ी राहत मिली। इससे उसे अपने दैनिक कार्यों को करने में आसानी होगी और आजीविका के लिए भी संबल मिलेगा।
पंकज ने मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता से भावुक होते हुए कहा कि वह वर्षों से दोनों हाथों के बिना जीवन के साथ संघर्ष कर रहा था। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी व्यथा का इतने कम समय में समाधान हो सकेगा। उसने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत वास्तव में गरीबों और असहायांे के मसीहा हैं।
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