सतर्क रहें, कुछ राज्यों में फिर बढ़ रहा कोरोना : मुख्यमंत्री

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सतर्क रहें, कुछ राज्यों में फिर बढ़ रहा कोरोना : मुख्यमंत्री

जयपुर, 25 फरवरी। मुख्यमंत्री अषाेक गहलोत ने कहा है कि काेराेना अभी तक

पूरी तरह गया नहीं है। विगत कुछ दिनाें में केरल एवं महाराष्टं सहित अन्य राज्याें में इसके

मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में प्रदेशवासी सतर्क आैर सजग रहें। मास्क लगाने, सोशल

डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्राेटाेकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित की जाए। उन्हाेंने

महाराष्टं एवं केरल से आने वाले यात्रियाें के राजस्थान में आगमन पर यात्रा प्रारम्भ करने के

72 घंटे के भीतर करवाए गए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के

निर्देश दिए हैं। साथ ही रेलवे स्टेशन एवं हवाई अड्डे पर उनकी स्क्रीनिंग करने के भी निर्देश

दिए हैं।

गहलोत गुरूवार काे मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से

काेविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार के

कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में काेराेना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आने के

बाद राज्य सरकार ने व्यावसायिक एवं सामाजिक गतिविधियाें में छूट दी थी, लेकिन एेसा

देखने में आया है कि कुछ लोग काेविड प्राेटाेकॉल की पालना काे लेकर गंभीरता नहीं बरत

रहे हैं। इसे देखते हुए उन्हाेंने प्रदेशभर में मार्च के प्रथम सप्ताह से पुनः जागरूकता अभियान

चलाने के निदेर्श दिए हैं। यह अभियान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा स्वायत्त शासन

विभाग द्वारा चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में काेराेना के मामले बढ़ना चिंता का विषय है,

क्याेंकि यह बीमारी कब क्या रूप ले ले काेई नहीं जानता। इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने

आवागमन पर फिर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है। उन्हाेंने कहा कि हमारा प्रदेश काेविड

की तीसरी लहर से बचा रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम पूरी सावधानी रखें। काेविड

प्राेटाेकॉल की लगातार प्रभावी पालना हाे आैर लोग अनुशासन में रहें। उन्हाेंने कहा कि

हाेर्डिंग, बैनर, पेम्पलेट, सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी सहित अन्य माध्यमों से लोगाें काे

लगातार जागरूक किया जाए।

गहलोत ने काेविड वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि यद्यपि राजस्थान

टीकाकरण के मामले में अग्रणी राज्य है, लेकिन काेराेना से बचाव के लिए शत-प्रतिशत लक्ष्य

हासिल करने के प्रयास किए जाएं। लोगाें के बीच टीकाकरण की भ्रांतियों काे दूर करने के

साथ ही उन्हें इसके फायदाें के बारे में जागरूक किया जाए। उन्हाेंने वैक्सीनेशन अभियान काे

और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए राज्य के अब तक के अनुभव के आधार पर केन्द्र

सरकार काे पत्र लिखने के भी निदेर्श दिए।

 

शासन सचिव चिकित्सा एव ं स्वास्थ्य श्री सिद्धाथ र् महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते ह ुए

बताया कि प्रदेश मे ं अब का ेरा ेना के एक्टिव केस मात्र 0.38 प्रतिशत ह ैं आ ैर हमारी रिकवरी र ेट

98.75 प्रतिशत हा े गई ह ै। राज्य में केस डबलिंग टाइम 2521 दिन हा े गया ह ै, जबकि भारत

का केस डबलिंग टाइम 586 दिन ह ै। उन्हा ेंने बताया कि प्रदेश म ें प ंजीकृत ह ैल्थ केयर एवं

फ्रंटलाइन वर्कर्स में से अब तक 79 प्रतिशत का े का ेविड-19 टीकाकरण की पहली खुराक दी

जा चुकी ह ै, जबकि राष्टींय आ ैसत 59.7 प्रतिशत ह ै।

शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि प्रदेश म े ं

प्रतिदिन करीब 40 हजार मास्क का वितरण किया जा रहा ह ै। अब तक करीब 1 करोड़ 75

लाख मास्क वितरित किए गए ह ैं।

सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री मह ेन्द्र सोनी ने बताया कि प्रद ेशभर में का ेविड-19

प्रा ेटा ेकॉल की प्रभावी पालना तथा वैक्सीनेशन के लिए डिजिटल वॉल पेंटिंग, टीवी, र ेडियो,

सोशल मीडिया, बसो ं पर पैनल सहित अन्य माध्यमा ें स े निर ंतर प्रचार-प्रसार किया जा रहा ह ै।

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय क े कुलपति डॉ. राजाबाबू प ंवार ने कहा कि

विभिन्न गतिविधिया ें म ें मिली छूट के बाद लोगा ें में का ेविड प्रा ेटा ेकॉल की पालना का े ल ेकर

पहले जैसी ग ंभीरता नही ं रही ह ै। इस लापरवाही से स ंक्रमण के मामले बढ़ सकत े ह ैं। उन्हा ेंन े

कहा कि कुछ राज्यों में का ेविड के केस फिर बढ़े ह ैं। चिकित्सा विश ेषज्ञों के अध्ययन क े

मुताबिक देश मे ं साउथ अफ्रीका, ब्राजील आ ैर यूके के स्टं ेन के मामल े सामने आ रह े ह ैं। इसे

देखते ह ुए सतर्कता बरतना जरूरी ह ै।

सवाई मानसि ंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भ ंडारी ने कहा कि ह ैल्थ वर्कस र्

आ ैर फ्रंटलाइन वर्कर्स का े लगाई गई वैक्सीन काफी प्रभावी ह ै आ ैर इसका का ेई ग ंभीर दुष्प्रभाव

सामने नही ं आया ह ै। अध्ययन के मुताबिक वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद ही लोगा ें म ें

अच्छी एंटीबॉडी बन रही ह ै, लेकिन ब ेहतर परिणाम के लिए दूसरी डोज आवश्यक रूप से

लगवाएं। उन्हा ेंन े कहा कि का ेविड से ठीक ह ुए लोगा ें म ें भी करीब 40 प्रतिशत ए ंटीबॉडी ही

बन पाती ह ै, इसलिए वे भी अपनी सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। अन्य चिकित्सा

विशेषज्ञो ं ने भी का ेरा ेना संक्रमण स े बचाव आ ैर वैक्सीनेशन का े ल ेकर अपने सुझाव दिए।

इस अवसर पर चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, पुलिस महानिद ेषक श्री एमएल

लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा षिक्षा श्री वैभव

गालरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थ े।