तीन कृषि अध्यादेशों और बिजली संशोधन बिल-2020 के खिलाफ अमन अरोड़ा ने विधान सभा में प्रस्ताव किया पेश

ਤਿੰਨ ਆਰਡੀਨੈਂਸ ਅਤੇ ਪ੍ਰਸਤਾਵਿਤ ਬਿਜਲੀ ਬਿਲ ਪੰਜਾਬ ਵਿਰੋਧੀ -ਅਮਨ ਅਰੋੜਾ

तीनो अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली बिल पंजाब विरोधी -अमन अरोड़ा

चंडीगढ़ 24 अगस्त 2020
कोरोना महामारी के दौरान भी पंजाब के राजनैतिक अखाड़ो का केंद्र बिंदु रहे केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों और बिजली संशोधन बिल-2020 को रद्द करवाने के संघर्ष को ओर तीखा करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने पंजाब विधान सभा के स्पीकर राणा के.पी सिंह को विधान सभा नियमावली के नियम 71 के अंतर्गत 28 तारीख को होने वाले एक दिवसीय विधान सभा के सैशन में प्रस्ताव पेश करने की इजाजत मांगी है।
इन प्रस्तावों में अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए तीनों ही कृषि अध्यादेश और बिजली संशोधन बिल-2020 देश के संघीय ढांचे के उलट होने के कारण प्रदेशों के अधिकारों को छीनने वाला हैं, जिनसे जहां केंद्र सरकार फसलों की खरीद प्रकिरिया से पीछे हट जाऐगी, किसानी बड़े कॉर्पोरेट घरानों के रहमो-कर्म के अधीन हो जाऐगी और पंजाब की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था तहस नहस हो जाएगी। वहीं बिजली संशोधन बिल-2020 के पास होने की सूरत में किसानों और निम्न वर्ग की बिजली सब्सिडी खत्म हो जाएगी, बिजली फ्रेंचाइजी के द्वारा बिजली वितरण प्राईवेट कॉर्पोरेट हाथों में चला जाएगा, ग्रामीण शहरी इलाकों में बिजली के अलग-अलग रेट हो जाएंगे और एसईआरसी (राज्य बिजली रेगुलेटरी कमिशन) की सभी ताकतें केंद्र अपने पास ले लेगी और ईसीईए (बिजली कंट्रैक्ट इन्फोरसमैंट अथॉरिटी) बनने से प्रदेश सरकार अपने हितों की रक्षा भी नहीं कर पाएगी। जिस का सीधे-असिद्धे तौर पर बोझ पंजाब की किसानी, व्यापारी, शहरी, मजदूर, उपभोक्ताओं पर पड़ेगा जो कि पंजाब और पंजाब निवासियों के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा।
वर्णनयोग्य है कि पिछले तीन महीने से किसान संगठनों की ओर से इस सम्बन्धित संघर्ष शुरु किया हुआ है और इस मौके अमन अरोड़ा ने सभी राजनैतिक पार्टियों को अपने राजनैतिक हितों से ऊपर उठ कर पंजाब की किसानी, व्यापार, मजदूरों और पंजाब की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आगे आने की अपील करते हुए इन प्रस्तावों के सर्वसम्मति से विधान सभा में पास होने की उम्मीद अभिव्यक्ति है।