मुख्यमंत्री द्वारा मौजूदा वर्ष में और वर्कर भर्ती करने और नए जॉब कार्ड बनाने के लिए विशेष मुहिम चलाने का एलान
चंडीगढ़, 18 मई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब ने कफ्र्यू / लॉकडाउन के समय के दौरान भी मनरेगा स्कीम का प्रभावी लाभ लेते हुए गाँवों में बड़े स्तर पर मज़दूरों की सम्मिलन वाले कार्यों को अमली जामा पहनाया है। यहीं बस नहीं, राज्य मनरेगा के अंतर्गत अन्य अतिरिक्त फंडों का प्रयोग करने के लिए तैयार है, जिससे रोज़ी-रोटी और साधनों की सृजन करने के साथ ग्रामीण गरीबों को मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने एलान किया कि राज्य सरकार ने इस साल विशेष मुहिम चलाने की योजना बनाई है, जिससे और वर्करों के नाम दर्ज करने और नए जॉब कार्ड बना कर और परिवारों को इस प्रोग्राम के दायरे के अधीन लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का मकसद कोविड -19 की महामारी से संकट में डूबी ग्रामीण जनसंख्या के लिए टिकाऊ हल की सृजन करना है।
लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों में प्रति गाँव दो व्यक्तियों को ‘वन मित्र’ के तौर पर श्री गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश पर्व की याद में वन विभाग द्वारा हरेक गाँव में लगाए गए 550 पौधों का पालन-पोषण करने पर लगाया गया। इसी तरह राज्य सरकार ने 12 मई को गाँवों के छप्पड़ों की सफ़ाई और कायाकल्प करने के लिए व्यापक मुहिम शुरू की है, जिसके अंतर्गत 15000 छप्पड़ों को मुहिम अधीन लाया जाएगा। इसके साथ न सिफऱ् ग्रामीण लोगों के संकट को घटाने में बल्कि गाँवों में साफ़-सफ़ाई बढऩे से कोविड -19 को काबू करने भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नवीन पहलकदमियों के साथ मेहनताना भत्ता सीधा गरीब ग्रामीण लोगों जिनमें बहुत सी महिलाएं हैं, के हाथों में जाने से कोविड -19 की महामारी के कारण पेश आईं दुख-तकलीफ़ों को दूर करने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम इस कठिन समय में गरीब लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अलग हैं।
पिछले साल से कार्यों की पहचान, अनुमान, तकनीकी और प्रशासकीय मंज़ूरी की प्रक्रिया राज्य में ऑनलाइन की जा रही है, जो ‘सिक्योर’ (एस.ई.सी.यू.आर.ई.) नाम के वैब पर अधारित है। एक अप्रैल, 2020 से सभी मनरेगा कार्यों के अनुमान ‘सिक्योर’ सॉफ्टवेयर के द्वारा लगाए जा रहे हैं, जिस कारण कफ्र्यू / लॉकडाउन की बन्दिशों के दौरान भी इस प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आई।
इत्फ़ाकवश, वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान मनेरगा के अंतर्गत 767 करोड़ की राशि ख़र्च की गई, जो राज्य में अब तक का सबसे अधिक ख़र्च है। इसके साथ ही वर्ष के दौरान रिकॉर्ड कुल 2.35 करोड़ देहाडिय़ां पैदा हुई, जिनमें से 1.38 करोड़ महिलाओं और 1.57 लाख बुज़ुर्गों (60 साल से अधिक) के लिए थीं। इस साल के दौरान 7.53 परिवारों को रोजग़ार मुहैया करवाया और जरूरतमंद परिवारों को शामिल करते हुए 1.27 लाख नए जॉब कार्ड बनाए गए। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 2.50 करोड़ देहाडिय़ों का लक्ष्य निश्चित किया गया है।
नयी पहलकदमियों संबंधी विस्तार में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा छप्पड़ों की कायाकल्प करने के लिए शुरू किए गए मिशन अधीन राज्य के 13000 गाँवों को लाया जाएगा, जिसके अंतर्गत गाँवों की साफ़-सफ़ाई के साथ वर्करों के लिए रोजग़ार के मौके पैदा होंगे।
इस मुहिम को समयबद्ध रूप में लागू करने के लिए एक टास्क फोर्स स्थापित की गई है। इस सम्बन्धी रोज़ाना प्रगति ऑन-लाईन के द्वारा ली जा रही है और विभाग द्वारा इस मुहिम के विजेता सरपंचों की पहचान और सम्मान के लिए काम किया जाएगा और इस मुहिम की कामयाब कहानियों को एकत्रित किया जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार विभाग द्वारा राज्य के अंदर लगभग 15000 छप्पड़ों की पहचान की गई है, जिनमें से कीचड़ (यदि ज़रूरत पड़ी) को बाहर निकाला जाएगा। विभाग थाप्पर आधारित मॉडल / सीचेवाल मॉडल जैसे मॉडल तैयार करने पर काम करेगा, जिससे छप्पड़ों के भरने के उपरांत पानी के बाहर बहने की समस्या का पक्का हल निकाला जा सके। मुहिम का आग़ाज़ करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के दौरान क्षेत्र के अधिकारियों को संबोधन करते हुए उनको इन छप्पड़ों, जो कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की साहरग हैं, की मुरम्मत और नवीनीकरण के काम के लिए प्रेरित किया था।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान किए गए कार्यों का विवरण देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि स्कीम के अंतर्गत विभिन्न किस्मों के 89,333 कार्यों को लिया गया था। पंचायतों को 905 खेल मैदान के लिए मुहैया करवाए गए, 8006 ग्रामीण सडक़ों और 78 आगनवाड़ी केंद्र और 355 आंगनवाड़ी केन्द्रों का काम प्रगति अधीन है। इसी तरह श्री गुरु नानक देव जी के 550वेें जन्म दिवस को मनाने के लिए करवाए गए जश्नों के मौके पर राज्य की हर पंचायत द्वारा 550 पौधे लगाए गए।
साल के दौरान बड़ी मात्रा में किए गए 89,333 कार्यों में से ग्रामीण क्षेत्रों को जोडऩे (क्नैकटीविटी) से सम्बन्धित 22540, निजी ज़मीन (वर्ग 4) से सम्बन्धित 19,346 काम थे, जिसके बाद ड्राट प्रूफिंग 16785 और भूमि विकास के 10,984 काम थे। इसी तरह 7706 काम रिवायती जल स्रोतों के नवीनीकरण, 5178 माईक्रो सिंचाई, 2611 ग्रामीण बुनियादी ढांचा, 1428 पानी की संभाल और पुनद्र्धार, 1303 बाढ़ों की रोकथाम और सुरक्षा, 984 सेनिटेशन, 142 भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र, 90 ग्रामीण क्षेत्रों में पीने वाले पानी, 81 खेल मैदान, 79 मछली पालन से सम्बन्धित और 76 अन्य काम थे।
पशुओं के लिए शैड्डों का निर्माण और मनरेगा के लाभपात्रियों के लिए व्यक्तिगत काम के लिए पंजाब सरकार द्वारा लाभपात्री को अदा की जाने वाली 40 फीसदी सुमेल हिस्सेदारी को ख़त्म कर दिया गया है। अब शैड पर होने वाला 100 फीसदी खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक मुहैया करवाए जाने वाला लाभ 97000 प्रति लाभपात्री होगा। साल 2019-20 में निजी ज़मीन के ऐसे कुल 19,346 काम लिए गए थे।

English





