चंडीगढ़, 5 जुलाई 2025
पंजाब राज्य से कीटनाशकोें के अवशेष रहित बासमती निर्यात को तेज करने सम्बन्धी पंजाब राज्य किसान और कृषि श्रमिक आयोग के चेयरमैन प्रोफ़ैसर डा. सुखपाल सिंह के नेतृत्व अधीन विचार-विमर्श किया गया जिससे फ़सली राज्य में फ़सल विविधीकरण लाया जा सके और कम से कम 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र धान से बाहर निकाला जा सके।
इस विचार चर्चा में डा. सन्दीपराव पाटिल, उत्तरी भारत ज़ोनल मैनेजर, डा. मालविन्दर सिंह मल्ली, ग्लोबल ट्रेनर बाईर फ़सल विज्ञान और डा. आर. एस. बैंस, श्री मानवप्रीत सिंह आर. ओ., श्री गगनदीप आर. ए. शामिल हुए।
यह विचार-विमर्श रणनीतिक हस्तक्षेप तैयार करने और राज्य से यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राज अमरीका को बासमती के निर्यात में शामिल रुकावटों की पहचान करने के लिए किया गया जिसमें यह सामने आया कि एम. आर. एल. से अधिक कीटनाशकों का अवशेष इन देशों को निर्यात में रुकावट डालने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डा. राव ने आयोग के चेयरमैन के संज्ञान में यह भी लाया कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 11 कीटनाशकों पर पाबंदी लगाई है जो 1 अगस्त से 30 सितम्बर तक लागू की जायेगी, जोकि एक स्वागत योग्य कदम है। हालाँकि, विभाग को कुछ कीटनाशकों के फ़ैसले पर फिर से विचार करना चाहिए जो विश्व स्तर पर धान की फ़सल पर इस्तेमाल किये जा रहे हैं और उन देशों में अवशेष की कोई समस्या नहीं है। धान के व्यावहारिक विकल्प के तौर पर खरीफ मक्का की फ़सल एक महत्वपूर्ण फ़सल है जो पानी की खपत धान की फ़सल की अपेक्षा बहुत कम करती है।

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