सोची समझी साजिश के तहत दलित विद्यार्थियों को आगामी शिक्षा से वंचित रख रही है सरकार -हरपाल सिंह चीमा

ਦੋਹਰੇ ਮਾਪਦੰਡਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਦਗ਼ਾ ਕਮਾ ਰਹੇ ਹਨ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ

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कालेजों-यूनिवर्सिटियों की ओर से पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के अधीन दाखिले देने से इन्कार करने का मामला
‘आप’ के विधायकों ने राजा की सरकार को दलित विरोधी बताया 

चंडीगड़, 16 अगस्त 2020
पंजाब के प्रोफैशनल कालेजों और यूनिवर्सिटियों की ओर से पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के अधीन योग्य दलित विद्यार्थियों को दाखिले न दिए जाने के बारे में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने इसके लिए पंजाब और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राजा अमरिन्दर सिंह, प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी और केंद्र सरकार में हिस्सेदार बादल परिवार पर गरीब और दलित विरोधी होने का दोष लगाया है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान, नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, प्रिंसीपल बुद्ध राम, उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूके, कुलवंत सिंह पंडोरी, मनजीत सिंह बिलासपुर, बलदेव सिंह, रुपिन्दर कौर रूबी (सभी विधायक) ने कहा कि पछले तीन सालों से पोस्ट मैट्रिक एस.सी. विद्यार्थी छात्रवृत्ति ठप्प होने के कारण पंजाब में हजारों होनहार दलित विद्यार्थियों का भविष्य धुंधला कर दिया है, क्योंकि सरकारों की स्कीम सम्बन्धित बेईमानी और बेरुखी के कारण निजी कालेजों और प्रोफैशनल शिक्षा संस्थाओं और यूनिवर्सिटियों ने मजबूरीवश इस वजीफा योजना के अधीन दाखिले न करने का फैसला लिया है।
हरपाल सिंह चीमा, बीबी सरबजीत कौर माणूंके और मनजीत सिंह बिलासपुर ने कहा कि पंजाब की अमरिन्दर सिंह की सरकार पूरे तौर पर दलित विरोधी है, जिस की ओर से पिछले तीन साल से पोस्ट मैट्रिक एस.सी विद्यार्थी छात्रवृत्ति ठप्प कर दिया। अब तक इस छात्रवृत्ति के अधीन कालेजों की गरीब विद्यार्थियों को दी जाने वाली वजीफा राशि का करीब 1800 करोड़ से अधिक का बकाया हो चुका है। जब कि अनेकों दलित विद्यार्थी कालेजों आदि से अपनी पढ़ाई पूरी करके भी अभी तक डिगरियां लेने से वंचित हैं, क्योंकि सरकार ने इन कालेजों को आज तक छात्रवृत्ति  का कोई पैसा जारी नहीं किया।
हरपाल सिंह चीमा और प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि सरकार के इस तरह के रवैये के साथ कालेजों ने आगे से दलित विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के अधीन दाखिले देने बंद कर दिए हैं। इस करके हजारों दलित विद्यार्थी इस से वंचित हो गए हैं। इस तरह पंजाब में हजारों दलित और गरीब विद्यार्थियों का छात्रवृत्ति रोकने का क्षतिपूर्ति भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले विद्यार्थियों को बढिय़ा विद्या और बेहतरीन मौके देने के वायदे करने वाली अमरिन्दर सिंह सरकार ने गरीब और दलित विद्यार्थियों को खराब करके रख दिया है। उन्होंने कहा कि केवल बेहतरीन और प्रोफेशनल शिक्षा के द्वारा ही पंजाब में लोगों की गरीबी मिटाई जा सकती है, परंतु इन गरीब विद्यार्थियों को मिलने वाले वजीफो  के पैसे को भी खुर्द-बुर्द किया जा रहा है।
रुपिन्दर कौर रूबी, कुलवंत सिंह पंडोरी और मास्टर बलदेव सिंह ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिस के द्वारा नौजवानों को समय के साथी और रोजगार के साधनों में शामिल किया जा सकता है, पर अमरिन्दर सिंह सरकार गरीब और दलित विरोधी विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति का हक छीन कर उनका भविष्य धुंधला कर रही है, जिस का ‘आप’ डटकर विरोध करती रहेगी।
उक्त ‘आप’ नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) विधान सभा और लोक सभा समेत सरकारों के किरदार को लोगों की कचहरी में नंगा करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से लोक और विद्यार्थी विरोधी लिए गए सभी फैसले वापसी लिए जाएंगे।