
कहा कि मुख्यमंत्री पीपीए रदद करने और सौर ऊजो दरों दरों पर झूठ बोल रहे, सरकार यां विधानसभा द्वारा कोई पीपीए रदद नहीकिया गया
मुख्यमंत्री यां तो बहुत भोले हैं यां बहुत चालाक? ‘‘ चन्नी को मेकअप मैन के बजाय अर्थशास्त्रियों से सलाह लेनी चाहिए’’
चंडीगढ़/17नवंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) को रदद करने के बारे में पंजाब के लोगों को झूठ बोलने के लिए निंदा करते हुए कहा किकोई भी पीपीए रदद नही किया गया। कांग्रेस सरकार के जोरदार दावों के विपरीत अब तक पीपीए रदद नही किया गया, तथा इस सफेद झूठ को बेचने के लिए पोस्टर भी लगाए गए’’।
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आश्चर्य है कि क्या मुख्यमंत्री वास्तव में इतने भोले हैं यां वास्तव में बेहद चालाक हैं , कहते हुए वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा, ‘‘ कांग्रेस सरकार के साथ साथ पार्टी के आलाकमान बिजली संयंत्र मालिकों को टेबल समझौता के तहत भ्रष्ट तरीकों से ब्लैकमेल कर रहे हैं।ऐसी खबरे हैं कांग्रेसी नेताओं ने पीपीए को रदद न करने के बदले हजारों करोड़ रूपये की रिश्वत से खुद को समृद्ध किया है। ‘‘ सरदार मजीठिया ने जोर देकर कहा कि पीपीए को विधानसभा में लाने की पूरी कवायद पंजाब के लोगों के साथ भारी धोखाधड़ी थी, क्योंकि यह विधानसभा नही बल्कि राज्य सरकार थी जिसे बिजली परियोजनाओं को रदद करने के लिए कार्यकारी निर्णय लेना था। ‘‘ लेकिन यां तो ऐसा करते समय उनके पैर कांप गए क्योंकि वे जानते थे कि यह गलत तथा अस्थिर होगा क्योंकि सत्ता समवर्ती सूची में हैं यां उन्हे लगता है कि वे पीपीए को रदद करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पारित करने के बजाय खाली संकल्पों के साथ लोगों को धोखा दे सकते हैं’’।
श्री चन्नी से पूछते हुए जो अर्थशास्त्र में स्नातकोतर होने का दावा करते हैं, को मेकअप मैन और छायाकारों के बजाय आर्थिक विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए कहते हुए सरदार मजीठिया नें कहा कि ‘आपकी ‘‘ मुझे एक साधारण आदमी’’ के रूप में चित्रित करने की हताशा कुछ लोगों की याद दिला रही है।उन्होने यह भी पूछा कि नकली गरीब और साधारण आदमी की छवि बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार और प्रचार अभियान पर हर सप्ताह कितने करोड़ लोगों का पैसा खर्च किया जाएगा। अकाली नेता ने कहा एक गरीब आदमी के पास सिर्फ झूठी छवि को बनाए रखने के लिए व्यर्थ जलाने के लिए अन्य गरीब लोगों के पास करोड़ों रूपये नही होते हैं’’।
सरदार मजीठिया ने मुख्यमंत्री को यह आरोप साबित करने की चुनौती दी कि शिअद सरकार पीपीए के लिए सहमत है , जिसमें सौर उर्जा की लागत राज्य को प्रति यूनिट 17 रूपये प्रति यूनिट होगी।‘‘ मैं उन्हे इस्तीफा देने की मेरी चुनौती को स्वीकार करने की चुनौती देता हें और अगर हममें से कोई 17 रूपये प्रति यूनिट के सौर उर्जा शुल्क पर झूठ बोलता है तो फिर वह कभी चुनाव नही लड़ेगा’’। उन्होने कहा कि निंदनीय है कि मुख्यमंत्री केंद्रीय नवीनीकरण उर्जा परियोजना के बारे में पंजाबियों को मुर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन नाम दिया गया है। उन्होने कहा कि तथ्य इस प्रकार थे‘‘ केंद्रन ने अपनी पहले आओ पहले पाओ नीति के अनुसार पंजाब में सौर परियोजना को निर्धारित यिका था औश्र यह केंद्रीय बिजली आयोग था जिसने 17.28 प्रति यूनिट के टैरिफ पर फैसला किया था, जिसमें केंद्र सरकार ने 12.50 प्रति यूनिट की बड़ी लागत वहन की थी।
अकाली नेता ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पिछली अकाली अगुवाई वाली सरकार के दौरान जिन सौर परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए थे, उससे राज्य में 6000 करोड़ रूपये का निवेश हुआ था, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्र में 1000 करोड़ रूपये का निवेश भी शामिल था।‘‘ इससे किसानों को 50हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से छह प्रतिशत वृद्धि खंड के साथ लाभकारी पटटों पर हस्ताक्षर करने में मदद की , इसके अलावा चार हजार नौजवानों को रोजगार मिला । इन परियोजनाओं को रदद करने का कोई भी प्रयास निवेशक भावना को प्रभावित करेगा जो पहले ही बहुत ज्यादा कम है’’।
सरदार मजीठिया ने इस साल मार्च में राज्य सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र जारी कर सौर ऊर्जा परियोजनाओं का राजनीतिकरण करने की कांग्रेस की साजिश को भी उजागर किया।‘‘ श्वेत पत्र सौर और अन्य नवीनीकरण उर्जा परियोजनाओं की विशाल स्थापना की पूरक है, जिसके लिए राज्य को पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल की अगुवाई वाली सरकार के दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले थे’’। उन्होने कहा कि चन्नी को पंजाबियों को बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है ‘‘ इस साल में मार्च में उनकी सरकार द्वारा किए गए दावे यां अब सफेद झूठ और छल का प्रचार किया जा रहा है?’’।

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