हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है सरस्वती नदी : ओमप्रकाश धनखड़

–    पंजाब विश्वविद्यालय और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

–    सरस्वती की आस्था ज्ञान आधारित आस्था है : धनखड़

 

चंडीगढ़, 4 फरवरी

पंजाब विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड हरियाणा द्वारा  सयुक्त रूप से आयोजित सम्मेलन में बोलते हुए शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, सरस्वती नदी से जुडी प्रत्येक जानकारी हमारा गौरव बढ़ाने वाली है l उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के होने प्रमाण को ऋग्वेद से लेकर वर्तमान समय के भूगोल शास्त्रियों के शोधों में देखे जा सकते है l इस सरस्वती नदी के किनारों पर ही महान सभ्यताओं का पोषण हुआ, जिनके अवशेष आज भी मिलते है l

 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्राचीन समय में ऋग्वेद की ऋचाओं से लेकर आज स्कूलों में प्रार्थना सभाओं तक में सरस्वती हमारे जीवन का हिस्सा रही है l सरस्वती को केवल नदी नहीं बल्कि ज्ञान कि देवी के रूप में हमने माना है, सरस्वती के लिए हमारी आस्था ज्ञान आधारित आस्था है l हमारे इसी ज्ञान का अनुसरण करते हुए विश्व की अन्य सभ्यताओं ने विकास के नए आयाम स्थापित किए l उन्होंने कहा कि समय के साथ और पश्चिम के प्रभाव में हमने अपनी ज्ञान की सरस्वती के बहाव को कम कर दिया है, जिसको और तेज करने की जरूरत है l हमारे देश को फिर से विश्व गुरु बनाने का काम हम सबको करना है l

 

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का सरस्वती नदी को प्रतीकात्मक जीवंत करने का काम वास्तव में सराहनीय है क्योंकि हमारे देश कि सम्पूर्ण सभ्यता को सरस्वती के साथ जोड़कर देखा जाता है l उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन परम्परा और संस्कृति जो सरस्वती से जुडी है, वे जनप्रकाश में ज्यादा से ज्यादा आए इसके लिए हमे काम करना है l देश का युवा और आने वाली पीढ़ी हमारे स्वर्णिम अतीत के बारे में जाने यह बहुत जरुरी है l

 

पंजाब विश्वविद्यालय और सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड द्वारा आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन में सरस्वती विकास बोर्ड के चेयरमैन धुमन सिंह किरमिच, जन. जी डी बक्शी, प्रख्यात गायिका महिमा अवस्थी के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई विभूतियाँ शामिल थी l

 

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