सरना व जी.के संगत के जनादेश को स्वीकार करें: कालका

Jagdeep singh Kahlon HARMEET SINGH KALKA....
ਸਰਨਾ ਤੇ ਜੀ.ਕੇ ਸੰਗਤ ਦੇ ਫ਼ੈਸਲੇ ਦਾ ਸਨਮਾਨ ਕਰਨ: ਕਾਲਕਾ

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दिल्ली की संगत सब जानती है इसलिए संगत को गुमराह करने का प्रयास न करें सरना व जीके: काहलों

नई दिल्ली, 13 फरवरी 2022

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने प्रेस को जारी बयान में संगत के जनादेश का सम्मान नहीं करने और प्रतिष्ठित सिख संस्थान दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी को बदनाम करने के लिए स. परमजीत सिंह सरना व स. मनजीत सिंह जी.के की आलोचना की है।

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उन्होंने कहा कि नए पदाधिकारियों और कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों के चयन के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अंतरिम चुनाव गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय के अधिकारी की उपस्थिति में निष्पक्ष और कानूनी रूप से आयोजित किया गया था इसलिए दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रहे सरना व जी.के केवल राजनीतिक लाभ लेने तथा अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए संगत को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

स. कालका ने कहा कि वास्तविकता तो यह है कि सरना व जीके अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए सदस्यों की खरीद-फरोख्त में लिप्त थे मगर उनका यह मकसद हमारे सदस्यों की सजगता के कारण संभव नहीं हो सका। अपनी हार देखकर सरना बंधूओं ने मतपेटी पर कब्जा कर लिया और अन्य सदस्यों को वोट नहीं डालने दिया तथा 11 घंटे से अधिक समय तक मतदान प्रक्रिया को रोके रखा। कालका ने आगे कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में अध्यक्षता के लिए 51 में से निर्वाचित सदस्यों के न्यूनतम 26 मतों की आवश्यकता होती है।

अकाल पुरख की कृपा तथा संगत के आर्शीवाद से उन्हें 30 वोट मिले तथा आधिकारिक तौर पर डीएसजीएमसी का निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया गया इसलिए सरना-जीके को अपनी हार स्वीकार कर दिल्ली की संगत के जनादेश का सम्मान करना चाहिए।

डीएसजीएमसी के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा कि संगत को सब कुछ पता है इसलिए नाटक करने से किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं होगी। चुनाव के दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के निरादर के बहाने वे संगत को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि वे असली अपराधी हैं और अराजकता व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के निरादर के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं इसलिए उन्हें जत्थेदार साहिब द्वारा अकाल तख्त साहिब पर तलब कर सिख पंथ से निष्कासित कर दंडित किया जाना चाहिए।

काहलों ने कहा कि दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्षों सरना व जीके को उनके स्वयं द्वारा किए गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के निरादर पर कोई पछतावा नहीं है। वे स्वार्थी हैं और राजनीतिक स्वार्थ से निहित हैं और ऐसे लोगों को गुरु घर की मर्यादा के बारे में कोई परवाह नहीं होती।