हरियाणा में बने 19 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड
संजीव कौशल ने उपायुक्तों अगले 10 दिनों में 50 प्रतिशत प्रॉपर्टी कार्डों का वितरण करें सुनिश्चित
सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा हरियाणा में 19 ड्रोन टीमें तैनात
चण्डीगढ़, 8 अप्रैल – स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 6286 लाल डोरा गांवों में ड्रोन फ्लाइंग के लक्ष्य को पूरा करने के साथ ही हरियाणा देश का पहला ‘लाल डोरा’ मुक्त राज्य बनने की राह पर अग्रसर है।
यह जानकारी हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में आज यहां जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई स्वामित्व योजना और हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में दी गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि स्वामित्व योजना के तहत अब तक 19 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा, हरियाणा पंचायती राज अधिनियम की धारा 26 के तहत आमंत्रित दावे और आपत्तियों की 30 दिनों की नोटिस अवधि भी 20 अप्रैल तक पूरी हो रही है। 24 अप्रैल तक इस योजना के तहत सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अपने प्रयासों को बढ़ाने और अगले 10 दिनों में 50 प्रतिशत प्रापर्टी कार्डों का वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन संपत्तियों से संबंधित कोई विवाद नहीं है, उनके प्रॉपर्टी कार्ड शीघ्र अति शीघ्र बनाए जाना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में बताया गया कि सभी 6286 लक्षित लाल डोरा गांवों में ड्रोन फ्लाइंग, मानचित्र-1 और मानचित्र-2 का कार्य पूरा कर लिया गया है और जल्दी ही मानचित्र-3 का कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा।
इसके अलावा, सभी लक्षित गांवों के लिए हरियाणा पंचायत राज अधिनियम की धारा 26 के तहत दावों और आपत्तियों की प्रक्त्रिया की अधिसूचना अधिसूचित की गई है।
बैठक में बताया गया कि 6 अप्रैल तक लगभग 5737 गाँवों के लिए दावों और आपत्तियों का निवारण किया गया है और शेष गाँवों की प्रक्त्रिया चल रही है। 5038 गाँवों का अंतिम नक्शा भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई) को भेजा जा चुका है।
बैठक में बताया कि उपायुक्तों को 699 गांवों, जहाँ दावों और आपत्तियों का निपटान किया जा चुका है, के लिए फाइनल मालिकाना हक का डाटा एसओआई को भेजने के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं, ताकि प्रत्येक संपत्ति का अंतिम नक्शा और लैंड पार्सल मैप तैयार किया जा सके।
19 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड बनाए गए
बैठक में बताया गया कि अब तक 19 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड बनाए गए हैं। इसके अलावा, जिलों द्वारा संपत्ति कार्ड तैयार करने और वितरण कार्य को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सभी जिलों के तकनीकी कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है कि लैंड पार्सल मैप डाटा से संपत्ति कार्ड कैसे बनाए जाएं।
इसके अलावा, जिलों को उनके द्वारा तैयार और वितरित किए गए संपत्ति कार्डों की नवीनतम संख्या साझा करने के भी निर्देश दिये गए हैं। साथ ही, विकास एवं पंचायत विभाग को भी विवादों का ब्योरा साझा करने को कहा गया है।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त श्री पी के दास, मिशन निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार, निदेशक सर्वे ऑफ इंडिया कर्नल कुणाल, निदेशक भू अभिलेख आमना तसनीम उपस्थित रहीं।

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