सरदार सुखबीर सिंह बादल ने डेयरी किसानों को जिनके मवेशी लंपी स्किन बीमारी का शिकार हो गए, को  तत्काल प्रति पशु 50हजार रूपये प्रति पशु मुआवजा जारी करने की मांग की

SUKHBIR SINGH BADAL
ਲੰਪੀ ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਕਾਰਨ ਜਿਹੜੇ ਡੇਅਰੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਦੁਧਾਰੂ ਪਸ਼ੂ ਮਰੇ, ਉਹਨਾਂ ਨੁੰ ਪ੍ਰਤੀ ਪਸ਼ੂ 50 ਹਜ਼ਾਰ ਰੁਪਏ ਦਾ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ : ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ
कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार पशुपालन विभाग को बीमारी को नियंत्रित करने के लिए दवा खरीदने के लिए फंड जारी नही कर रही

चंडीगढ़/20अगस्त 2022 

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि जिन डेयरी किसानों के दुधारू पशु लंपी स्किन की बीमारी का शिकार हो गए, उन्हे 50हजार रूपये प्रति पशु की दर से तत्काल मुआवजा करने की मांग करते हुए कहा कि भगवंत मान को ग्राम पंचायतो को जिम्मेदारी देने के बजाय बीमारी के प्रचार को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली  दल अध्यक्ष ने हैरानी जताते हुए कहा कि जुलाई से हजारों मवेशी लंबी स्किन की बीमारी का शिकार हो चुके हैं। आप पार्टी की कसर अभी भी विज्ञापनों में लिप्त है। उन्होने कहा , ‘‘ डेयरी किसानों की सहायता के लिए आगे आकर उनके मवेशियों के नुकसान की भरपाई करने के साथ साथ बीमारी के आगे फैलने से रोकने के लिए बुनियादी स्तर पर ठोस कदम उठाने का कोई प्रयास नही किया जा रहा है’’।

सरदार बादल ने कहा कि इस बीमारी से लगभग 40 हजार मवेशियों के मारे जाने की खबर है, लेकिन सरकार को अभी स्टीक गणना करनी है। उन्होने कहा, ‘‘ किसानों को इस जानलेवा बीमारी से प्रति दुधारू पशु 75000 रूपये से लेकर 1.25 लाख रूपये के बीच का नुकसान हुआ है, जिससे डेयरी क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया है, और इसके परिणामस्वरूप किसान आय के विविधीकरण से राज्य को झटका लगा है। इसके बावजूद सरकार ने डेयरी किसानों को कोई मुआवजा जारी नही किया है’’।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बीमारी के प्रसार से निपटने के लिए पशुपालन विभाग को फंड जारी नही कर रही है। मुक्तसर से एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि पशुपालन विभाग से कोई धनराशि प्राप्त नही होने के कारण जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को लंपी स्किन बीमारी से निपटने के लिए दवा खरीदने के लिए पैसे उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने केवल दो महीनों में विज्ञापनों पर 37 करोड़ रूपये खर्च किए हैं, लेकिन बीमारी से निपटने के लिए दवाओं की खरीद के लिए कुछ करोड़ रूपया जारी करना मुश्किल हो रहा है।

डेयरी सेक्टर के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि इस क्षेत्र के साथ साथ आमतौर पर किसानों के प्रति आप पार्टी की सरकार की ईमानदारी का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यह विधानसभा में की गई प्रतिबद्धता को लागू करने में विफल रही है, कि मिल्कफेड दुध की खरीद के मूल्य में 55 रूपये प्रतिकिलोग्राम वसा की वृद्धि करेगा और यह सुनिश्चित करने के लिए 20 रूपये  प्रति किलोग्राम वसा की लागत को अवशोषित करेगा कि आम आदमी प्रभावित न हो । सरदार बादल ने  कहा, ‘‘ किसानों के प्रति यह दोहरा रवैया पूरे क्षेत्र को संकट में धकेलने के लिए जिम्मेदार है’’। उन्होने कहा कि पहले मुख्यमंत्री ने किसानों को मूंग की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया था और इसे 7225 रूपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद का वादा किया था, लेकिन अपने वादे से मुकर गए। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ किसानों द्वारा बोई गई कुल मूंग का केवल दस फीसदी ही खरीदा गया और कहा कि किसानों को उनकी खड़ी धान की  फसल  के साथ साथ किन्नू के बागों को पिछले महीने हुई बारिश में हुए नुकसान का मुआवजा भी नही दिया गया है।