मोदी सरकार देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को हिलाने की कोशिश कर रही है – राघव चड्ढा

Raghav Chadha
ਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਲੋਕਤੰਤਰੀ ਨੀਂਹ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ - ਰਾਘਵ ਚੱਢਾ
भाजपा को जो भी विपक्षी दल मजबूत नजर आता है, उसके घर सीबीआई- ईडी भेज देती है – राघव चड्ढा
कहा, सीबीआई ने 95% से ज्यादा मुकदमे सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ दर्ज किए
यूपीए के समय ईडी ने मात्र 112 जगहों पर रेड किए, लेकिन मोदी सरकार में 3000 से ज्यादा जगहों पर, कनविक्शन रेट मात्र 0.05% – राघव चड्ढा

चंडीगढ़, 5 मार्च 2023

देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखे जाने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी सरकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को लगातार हिलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा को जो भी विपक्षी दल मजबूत नजर आता है, उसके यहां सीबीआई- ईडी भेज देती है और उसके नेताओं को पकड़ कर जेल में डाल देती है।

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उन्होंने कहा कि आज देश के नौ प्रमुख हस्तियों ने ईडी सीबीआई की रेड के खिलाफ प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में चार वर्तमान मुख्यमंत्री एक वर्तमान उपमुख्यमंत्री और चार पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं।राघव चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर देश के सभी विपक्षी नेता काफी चिंतित हैं। इसीलिए सभी नेताओं ने एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा और अपील की कि सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग न करें और देश के लोकतंत्र को कमजोर न बनाएं।

उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग कर मोदी सरकार देश के विपक्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है। साजिश के तहत सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं पर ही सीबीआई – ईडी की रेड करवाई जा रही है। आज जिस तरह से पक्षपातपूर्ण तरीके से सरकारी एजेंसियां कार्रवाई कर रही है उससे देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है।

सीबीआई- ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक सीबीआई ने जितने भी मुकदमे दर्ज किए उसमें 95% सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ हुए। यूपीए के समय ईडी ने मात्र 112 जगहों पर रेड की थी। लेकिन मोदी सरकार के दौरान ईडी ने 3000 से ज्यादा जगहों पर रेड किए। अभी हाल ही में एक जानकारी सामने आई जिसमें बताया गया कि ईडी ने जितने भी मुकदमे दर्ज हुए उसमें कनविक्शन रेट मात्र 0.05% है। मतलब कोर्ट में लगभग मुकदमें फर्जी साबित हुए।

उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपाल के हस्तक्षेप की भी चर्चा की और कहा कि केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से राज्य सरकार के रोजाना के कामकाज में दखल दे रही है। यह लोकतंत्र के लिए गलत संकेत है।