— पंजाब के दरिया के पानी को बचाने के लिए महत्वपूर्ण मुददे एस.वाई.एल नहर पर चर्चा तक बहस को सीमित करने का आग्रह करते हुए कहा कि अन्य सभी मुददो पर बाद में भी चर्चा की जा सकती है: अकाली दल के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा
मोहाली/ चंडीगढ़/ 30 अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान से आज सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करके एक नंवबर को प्रस्तावित बहस के तौर-तरीकों के साथ साथ एजेंडा तय कर इस बहस को एसवाईएल मुददे तक सीमित करने का आग्रह किया ताकि पंजाब अपने दरिया के पानी की लूट को रोकने के लिए संयुक्त मोर्चा बना सके।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, डाॅ.दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ‘‘ बहस के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना महत्वपूर्ण है कि कौन सी पार्टियां इसमें भाग लेंगी और यह कहां आयोजित की जाएगी कौन निष्पक्ष रूप से इसका संचालन करेगा और कौन सभी प्रतिभागियों की ओर से एक संयुक्त घोषणा पत्र लेकर जाएगा’’। नेताओं ने कहा आप, कांग्रेस , बसपा, भाजपा , सीपीआई और सीपीएम सहित सभी प्रमुख पार्टियों को बहस का हिस्सा बनना चाहिए।
सरदार भूंदड़, प्रो. चंदूमाजरा तथा डाॅ. चीमा ने जोर देकर कहा कि बहस केवल एसवाईएल नहर मुददे पर चर्चा सीमित होनी चाहिए ताकि पंजाब के नदी के जल को बचाने के लिए संयुक्त समाधान निकाला जा सके। उन्होने कहा, ‘‘ अकाली दल को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में कोई दिलचस्पी नही जिससे कुछ हासिल नही होगा। जरूरत इस बात की है कि सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का मुकाबला करने के लिए एक रणनीति तैयार की जाए, जिसमें दरिया के पानी के वितरण पर चर्चा टाल दी गई है और एसवाईएल नहर को पहले पूरा करने का निर्देश दिया गया है। हमें ऐसी स्थिति में पंजाब को बचाने के लिए एक समाधान के साथ आने की जरूरत है’’।
नेताओं ने स्पष्ट किया कि अकाली दल पंजाब से संबंधित सभी मुददों पर बाद की तारीख में बहस के लिए तैयार है और मुख्यमंत्री से कहा कि एसवाईएल नहर के मुददे परर आज की बहस के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने में अब भी देर नही हुई है। उन्होने स्पष्ट किया कि यदि मुख्यमंत्री ने उनके प्रस्ताव का जवाब नही दिया तो अकाली दल इस सबसे संवेदनशील मुददे पर पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक तरीके और साधन तलाशेगा। उन्होने कहा कि अकाली दल इस प्रयास में समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ साथ समाज के सभी वर्गों से संपर्क करेगा।
इस बीच अकाली दल ने उस तरीके का ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण ’’ बताया, जिस तरह से मुख्यमंत्री यह कहकर बहस से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे कि अकाली दल सत्तारूढ़ पार्टी के साथ बहस में भाग लेने से डरता है। उन्होने दावा करते हुए कहा , ‘‘ यह सच्चाई से कोसों दूर है और अकाली दल अंग्रेजों यां इमरजेंसी से भी कभी डरा नही है। हमने पंजाब के नदी जल की दृढ़तापूर्वक रक्षा की है और यदि एसवाईएल नहर में पानी नही बह रहा है तो यह सिर्फ अकाली दल के कारण ही है, जिसने पहले कपूरी मोर्चा शुरू किया और बाद में डिनोटिफाई कर जिस जमीन पर एसवाईएल खड़ी है उसे वापिस किसानों को लौटा दिया’’।
वरिष्ठ नेताओं ने यह भ कहा कि एसवाईएल नहर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सर्वदलीय मीटिंग बुलानी चाहिए थी। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि हाल के विधानसभा सत्र में इस मुददे पर पंजाबियों की भावनाओं को दुनिया के सामने रखने के लिए कोई संयुक्त प्रस्ताव पेश नही किया गया।
सरदार भूंदड़, प्रो. चंदूमाजरा और डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री से पंजाबियों को यह भी बताने के लिए कहा कि क्या आप संयोजक अरविंद केजरीवाल बहस में भाग लेंगें,‘‘ क्योंकि पंजाब के सभी सरकारी फैसलों को मंजूरी देने के लिए रिमोट कंट्रोल उन्ही के पास है’’। उन्होने यह भी बताया कि पंजाब में आप सरकार ने अभी भी राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के रूख पर अपनी स्थिति स्पष्ट नही की है कि पंजाब का पानी एसवाईएल नहर के माध्यम से हरियाणा को दिया जाना चाहिए। पंजाबी यह जानना चाहते हैं कि क्या मुख्यमंत्री अपने सांसद द्वारा अपनाई गई लाइन को आगे बढ़ाएंगें यां रिपेरियन सिद्धांत को दोहराएंगें और नदी जल पर सिर्फ और सिर्फ पंजाब का अविभाज्य अधिकार की घोषणा करेंगें’’।

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