पंजाब पुलिस ने 72 घंटों में विश्व हिंदु परिषद के नेता का कत्ल केस सुलझाया; दो हमलावर काबू

PUNJAB POLICE SOLVES MURDER CASE OF VHP LEADER
PUNJAB POLICE SOLVES MURDER CASE OF VHP LEADER
दो .32 बोर की पिस्तौलों समेत 16 जिंदा और 1 खाली कारतूस के साथ-साथ अपराध में इस्तेमाल की गई स्कूटी बरामद
वीएचपी नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन की हिमायत प्राप्त विदेशी हैंडलरों का हाथ: डीजीपी गौरव यादव
इस मॉड्यूल को चलाने वाले आतंकवादी संगठन का पता लगाने के लिए जांच जारी: एसएसपी रूपनगर गुलनीत खुराना
रूपनगर, 16 अप्रैल 2024
रूपनगर पुलिस ने एसएसओसी मोहाली के साथ साझे ऑपरेशन के दौरान बड़ी सफलता हासिल करते हुए नंगल आधारित विश्व हिंदु परिषद (वीएचपी) नेता के कत्ल केस में शामिल पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन की हिमायत प्राप्त आतंकवादी मॉड्यूल के दो संचालकों को गिरफ़्तार करके इस केस को 72 घंटों से भी कम समय में सुलझा लिया है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम नंगल के रेलवे रोड पर स्थित वीएचपी नंगल मंडल के प्रधान विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की दुकान पर दो अनजान हमलावरों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। यह हमलावर-जिसमें से एक ने हेलमेट डाला हुआ था और दूसरे ने मफ़लर के साथ मुँह ढका हुआ था-काले रंग की स्कूटी पर आए थे।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इस मामले की वैज्ञानिक और योजनाबद्ध जांच के उपंरात पुलिस ने दोनों हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया, जिनकी पहचान मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिन्दर कुमार उर्फ रिक्का के रूप में की गई। डीजीपी ने आगे बताया कि पुलिस टीमों ने उनके पास से .32 बोर के दो पिस्तौल जिसमें से एक अपराध में इस्तेमाल किया गया था, समेत 16 जिंदा कारतूस और 1 खाली कारतूस भी बरामद किए हैं। इसके अलावा अपराध में इस्तेमाल की गई टीवीएस जूपिटर स्कूटी को भी ज़ब्त कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन की हिमायत प्राप्त इस आतंकवादी मॉड्यूल को पुर्तगाल आधारित विदेशी हैंडलरों द्वारा संचालित, प्रेरित और फंडिंग की जा रही है।
डीजीपी ने बताया कि गिरफ़्तार किए गए शूटर मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिन्दर कुमार उर्फ रिक्का इन विदेश- आधारित हैंडलरों के प्यादे हैं, जो पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मास्टरमाईंड के संचालक हैं। यह प्यादे पैसों का लालच देकर गिरोह में शामिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों शूटर एन्क्रिप्टेड ऐप्स के द्वारा विदेश-आधारित हैंडलरों के संपर्क में थे और इस कत्ल को अंजाम देने के लिए फंड और हथियारों का प्रबंध करने के अलावा व्यक्ति, जिसको टारगेट करना था, की जगह और फोटो भी उनके साथ साझी की गई थी।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा इस जांच को तर्कपूर्ण ढंग से पूरा किया जाएगा और इस मामले में शामिल सभी मुलजिमों को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि पंजाब पुलिस राज्य में अमन-शांति को कायम रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस सम्बन्धी अधिक जानकारी देते हुए एसएसपी रूपनगर गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि सूचना मिलते ही अलग-अलग टीमें गठित करके मामले की जांच के लिए तैनात कर दी गई थीं। उन्होंने कहा कि शूटरों की पहचान सम्बन्धी जानकारी देने के लिए 1 लाख रुपए के ईनाम का भी रखा गया था और सीसीटीवी से प्राप्त की गई मुलजिमों की तस्वीरों इलैक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया के द्वारा प्रसारित की गई थीं।
उन्होंने कहा कि इस मॉड्यूल को चलाने वाले आतंकवादी संगठन का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
इस सम्बन्धी तारीख़ 13-04-2024 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 302 एवं 34 और हथियार एक्ट की धाराओं 25 एवं 27 के अंतर्गत थाना नंगल में एफआईआर दर्ज की गई है।
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