बाढ़ राहत कार्यों को सुचारू बनाने के लिए एनडीआरएफ और सेना कर्मियों की प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री से किसानों को उनकी फसल की तबाही, घरों की हुई क्षति और दुधारू पशुओं के नुकसान की भरपाई के लिए सीधे आर्थिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया
बाढ़ को ‘मानव निर्मित’ त्रासदी बताते हुए कहा कि किसानों के कर्ज को माफ करना ही उपयुक्त मामला होगा
चंडीगढ़/ 01 सितंबर 2025
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से पंजाब के लिए विशेष पैकेज जारी करने और राज्य में बाढ़ राहत कार्यों को सुचारू बनाने के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों और उपकरणों की प्रतिनियुक्ति बढ़ाने की अपील की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे दूरदराज के गांव सहित राज्य के कई जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दस दिन के गहन दौरे के बाद प्रधानमंत्री से यह अपील की है। उन्होने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में सरदार सुखबीर सिंह बादल ने हालात का जायजा लेने के बाद प्रत्यक्ष विवरण देते हुए बताया कि लाखों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है और हजारों घरों के साथ साथ सड़क और बिजली के बुनियादी ढ़ांचे को भी नुकसान पहंुचा है।
सरदार बादल ने ‘अन्नदाता’ की सहायता के लिए आगे आने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को अपनी फसलों के नुकसान के अलावा अपने घरों और दुधारू पशुओं के नुकसान की भरपाई के लिए सीधे आर्थिक सहायता की जरूरत है। उन्होने लंबे समय से बाढ़ के कारण पैदा होने वाली सेहत समस्याओं के समाधान के लिए भी एक विशेष केंद्रीय टीमों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है।
अकाली दल अध्यक्ष ने अपने पत्र में इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसानों को कर्जे वसूली से राहत की जरूरत है और कहा कि किसानों के कर्ज को माफ करना सबसे उचित मामला है।
यह कहते हुए कि राहत कार्यों की सख्त जरूरत है, सरदार बादल ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावितों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नही रही और पंजाब में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों में काफी बड़ी खामियां हैं। उन्होने जोर देकर कहा,‘‘ बाढ़ प्रभावितों को अंतरिम मुआवजा देने के अलावा उनके पुनर्वास के लिए इंतजाम करना भी एक मुददा है।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से 40 सालों की अवधि के बाद आई इस बाढ़ को रोकने के उपाय करने हेतू एक विशेष पैकेज की घोषणा करने का अनुरोध किया। उन्होने कहा,‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण, पिछले कई सालों से बाढ़ सुरक्षा कार्यों की अनदेखी की गई , जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं और प्रमुख नदियों और नालों के किनारे बाढ़ सरुक्षा कार्यों और जहां जरूरत को, पक्के बांधों के निर्माण के लिए विशेष धनराशि आवंटित किए जाने का भी अनुरोध किया।’’
सरदार बादल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हजारों लोग यां तो अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं या फिर बारिश के बीच आसमान के नीचे छतों पर फंसे हुए हैं। उन्होने कहा कि लोग और उनके मवेशी आश्रय, भोजन, पानी और चारे के लिए जूझ रहे हैं और यह दर्द इस तथ्य से और बढ़ गया है कि राज्य की निर्वाचित सरकार ने उन्हे इस दुख भरे संकट का सामना करने के लिए भाग्य के सहारे छोड़ दिया है। उन्होने कहा कि इसके ठीक विपरीत पंजाब के लोगों ने इस ‘‘मानव निर्मित’’ त्रासदी के खिलाफ डटकर मुकाबला किया और इतने कठिन समय में भी ‘चडढ़ी कलां’’ में रहे डटे रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ मैं राज्य के उन बहादुर लोगों को सलाम करता हूं जिन्होने स्वयं से पहले ‘सेवा’ को प्राथमिकता दी और प्रभावित लोगों की सहायत के लिए आगे आए। उन्होने कहा कि चाहे हमारी सीमाओं की सुरक्षा की बात हो यां खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हो पंजाबी अपना राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निभाने में सबसे आगे रहे हैं। देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा के समय हमारे बहादुर लोग मदद करने में सबसे पहले होते हैं।’’ उन्होने यह भी बताया कि किस तरह से अकाली दल के कार्यकर्ता इस संकट के समय में लोगों की सहायता के लिए सबसे आगे आए और साथ ही शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लंगर और चिकित्सा शिविरों के आयोजन में अहम भूमिका निभाई है।

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