तरनतारन के लोग अब ए.सी कमरों वाली नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाली ‘आप’ सरकार को चुनेंगे: हरमीत सिंह संधू

‘जो कहा, सो किया’: मान सरकार का 5 लाख एकड़ के लिए 74 करोड़ रुपये के 2 लाख क्विंटल बीज देना, उपचुनाव में ‘आप’ की जीत सुनिश्चित करेगा: हरमीत सिंह संधू

हरमीत सिंह संधू का सवाल- क्या पिछली सरकारों ने कभी 30 दिन में मुआवजा दिया? ‘आप’ सरकार ने मुआवज़ा देकर देश में मिसाल कायम की

तरनतारन, 27 अक्टूबर 2025

तरनतारन विधानसभा हलके के उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने आज कहा कि यह चुनाव पारंपरिक राजनीति और ‘आम आदमी’ की सरकार के कामों के बीच फैसला करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली ‘आप’ सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए किए गए ऐतिहासिक कामों का हवाला देते हुए कहा कि तरनतारन के लोग अब सिर्फ वादे नहीं, बल्कि जमीन पर हुए असली काम देखकर वोट डालेंगे। संधू ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने सिर्फ 30 दिनों के अंदर पीड़ितों के खातों में राहत राशि पहुंचाकर एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है।

‘आप’ उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता के गलियारों से निकलकर सीधा खेतों, मंडियों और गांवों में आकर लोगों का हाथ थामा है। यह सिर्फ सियासी प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक नई शासन शैली की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि जब बाढ़ ने पंजाब के किसानों की कमर तोड़ी, तो मान सरकार ने एक और वादा पूरा करते हुए, हाल ही में खराब हुई लगभग पांच लाख एकड़ जमीन के लिए किसानों को दो लाख क्विंटल गेहूं का बीज मुफ्त मुहैया कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया।

संधू ने बताया कि इस काम के लिए 74 करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया गया है और मुख्यमंत्री ने खुद सात ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया ताकि किसानों को अगली फसल बोने में कोई दिक्कत न आए। इसके अलावा, किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा भी दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार इस गंभीर संकट की घड़ी में राज्य के अन्नदाता के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और उन्हें इस मुश्किल से निकालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

हरमीत सिंह संधू ने बाढ़ से हुई भारी तबाही के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि यह नुकसान असहनीय था, लेकिन सरकार ने इसे एक चुनौती के तौर पर लिया। उन्होंने बताया कि इस बाढ़ के कारण 2,300 से ज्यादा गांव डूब गए, 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए और पांच लाख एकड़ जमीन में फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं। इस दौरान 56 कीमती जानें चली गईं और लगभग सात लाख लोग बेघर हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा, जिसमें 3,200 सरकारी स्कूल क्षतिग्रस्त हुए, 19 कॉलेज मलबे में बदल गए, 1,400 क्लिनिक और अस्पताल बर्बाद हो गए, 8,500 किलोमीटर सड़कें टूट गईं और 2,500 पुल ढह गए। संधू ने कहा कि शुरुआती अनुमानों के मुताबिक यह नुकसान लगभग 13,800 करोड़ रुपये का था, लेकिन मान सरकार ने पीड़ितों को तुरंत राहत देने पर ध्यान केंद्रित किया।

‘आप’ उम्मीदवार ने जोर देकर कहा कि मान सरकार की नीयत साफ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ मुआवजा नहीं बांटा, बल्कि हर वर्ग का ख्याल रखा। राहत का दायरा सिर्फ बड़े किसानों तक ही नहीं, बल्कि खेत मजदूरों, छोटे व्यापारियों और गरीब तबके तक बढ़ाया गया। किसानों को उनकी जमीन पर जमी रेत और गाद (सिल्ट) को 15 नवंबर तक बिना किसी सरकारी एनओसी के बेचने की छूट दी गई, ताकि वे आर्थिक तौर पर फिर से खड़े हो सकें।

संधू ने कहा कि यह सरकार सिर्फ ऐलानों पर नहीं रुकी। एसडीआरएफ मुआवजा बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया, क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को राहत दी गई, और किसानों को छह महीने तक कोई किश्त या ब्याज न देने की बड़ी वित्तीय राहत दी गई, जो पिछली किसी सरकार ने नहीं दी थी।