205 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां, उत्कृष्ट उपलब्धियों पर छात्रों की सराहना की
चण्डीगढ़, 8 दिसंबर 2025
हरियाणा के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. असीम कुमार घोष ने आज सोनीपत के राई में स्थित हरियाणा खेल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती मित्रा घोष, विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अशोक कुमार, विधायक श्रीमती कृष्णा गहलावत, डीसी श्री सुशील सारवान, पांचजन्य समाचार पत्र के संपादक श्री हितेश शंकर, रजिस्ट्रार श्री जसविन्दर सिंह सहित अनेक विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।
प्रो. असीम कुमार घोष ने कहा कि खेलों में उत्कृष्टता अब केवल शारीरिक क्षमता का परिणाम नहीं है, बल्कि विज्ञान आधारित प्रशिक्षण, मानसिक मजबूती, पोषण विज्ञान, मनोविज्ञान और आधुनिक तकनीक का समन्वय नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने प्रशिक्षण के इसी समग्र मॉडल को अपनाकर विद्यार्थियों के लिए एक सुदृढ़ खेल-पारिस्थितिकी तैयार की है।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में 61 पदक, जिनमें 13 स्वर्ण पदक शामिल हैं, प्राप्त करने पर छात्रों और प्रशिक्षकों को बधाई दी।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा खेल विश्वविद्यालय देश के अग्रणी खेल शिक्षा संस्थानों में शामिल होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही यह देश का तीसरा सबसे बड़ा खेल विश्वविद्यालय बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार खेलों के लिए व्यापक और सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने ‘मिशन ओलंपिक 2036’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का लक्ष्य जहाँ कुल 7 से बढ़ाकर 70 पदक हासिल करने का है, वहीं हरियाणा भी अपनी ओर से 4 पदकों से बढ़ाकर 36 पदक दिलाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विष्वास व्यक्त किया कि हरियाणा खेल विश्वविद्यालय इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
समारोह में कुल 205 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई, जिनमें M.P.Ed. & Sports के 8 तथा Post Graduate Diploma के 197 विद्यार्थी शामिल रहे। राज्यपाल ने सभी स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए गर्व का विषय है। अपने संदेश में राज्यपान ने छात्रों से कहा कि जीवन की अगली यात्रा में विनम्रता, अनुशासन, समावेशिता और निरंतर प्रयास उनके सबसे बड़े साथी होने चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से राष्ट्र के समावेशी विकास में सार्थक योगदान देने का आह्वान किया।

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