वातावरण को बचाने के लिए एक बार प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक को खत्म करने के लिए टास्क फोर्स का किया जायेगा गठन
चंडीगढ़, 27 अप्रैलः
राज्य को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज यहाँ कई हिदायतें जारी की, जिनमें अगले महीने सरहिन्द नहर में से बुड्डे नाले में 200 क्यूसिक पानी छोड़ना और वातावण को बचाने के लिए एक बार प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक (सिंगल-यूज प्लास्टिक) की समस्या को खत्म करने के लिए टास्क फोर्स का गठन करना शामिल है।
वातावरण कार्य योजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए आज यहाँ 13वीं स्टेट अपैकस कमेटी की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव ने जल स्रोत विभाग को हिदायत की कि सरहिन्द नहर में से बुड्डे नाले में 200 क्यूसिक ताजा पानी छोड़ने का प्रोजैक्ट मई 2021 तक मुकम्मल करने के अलावा सतलुज दरिया में फेंके जाते प्रदूषित पानी (खास तौर पर लुधियाना) को तुरंत रोका जाये।
श्रीमती महाजन ने एक बार प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक की समस्या को खत्म करने के लिए टास्क फोर्स बनाने के आदेश भी दिए और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्ज 2016 के लागूकरण की निगरानी को यकीनी बनाने के लिए कहा। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में एक बार प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक को खत्म करने की जिम्मेदारी म्युंसिपल कमीशनरों/डिप्टी कमीशनरों की है। इस मामले की दो महीनों में एक बार राज्य स्तर पर निगरानी की जायेगी।
राज्य के अलग अलग शहरों में स्थापित किये जा रहे 120 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपीज) की प्रगति का जायजा लेते हुये उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि इन प्रोजेक्टों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर मुकम्मल किया जाये।
9 नान-अटेनमैंट वाले शहरों में हवा प्रदूषण पर कंट्रोल सम्बन्धी प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि 683 औद्योगिक इकाईयों में से 50 स्टील री-रोलिंग मिलें कोयले से सीएनजी/पीएनजी में तबदील की गई हैं। मुख्य सचिव ने पी.पी.सी.बी. को हिदायत की कि बाकी इकाईयांें को तबदील करने की प्रक्रिया जल्द मुकम्मल की जाये।
विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण विभाग के सचिव श्री राहुल तिवारी ने मुख्य सचिव को बताया कि 118 इंडकशन भट्टियों में से 113 इंडकशन भट्टियों में हवा प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए साईड सक्कशन हुड्ड प्रौद्यौगिकी को अपनाया गया है। इसके नतीजे के तौर पर मंडी गोबिन्दगड़, खन्ना और लुधियाना में हवा प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने म्युंसिपल निगम, लुधियाना को निर्देश दिए कि वह हैबोवाल डेयरी कंपलैक्स, लुधियाना के लिए स्थापित बायो गैस प्लांट को अपने सर्वोत्त्म सामर्थ्य तक चलाने के लिए पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पुड्डा) को पूरा सहयोग दें।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की राज्य को स्वच्छ, हरा -भरा, और प्रदूषण मुक्त बनाने की वचनबद्धता दोहराते हुये मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों को बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों का हल करने के लिए सभी जरुरी प्रयास करने के लिए कहा जिससे पानी और हवा प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके। इसके इलावा उन्होंने वैज्ञानिक ढंग से ठोस और प्लास्टिक कूड़े के प्रबंधन को यकीनी बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा महामारी के हालातों में यह और भी महत्वपूर्ण है कि सभी विभागों की तरफ से राज्य के वातावरण से जुड़े मसलों का और ज्यादा गंभीरता से प्रबंधन किया जाये।
मीटिंग में प्रमुख सचिव जल स्रोत श्री सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन श्रीमती जसप्रीत तलवाड़, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय श्री अजोए कुमार सिन्हा और सम्बन्धित विभागों के अन्य सीनियर अधिकारी मौजूद थे।

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