राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने बंगाल का दो दिवसीय दौरा प्रारम्भ किया
कोलकाता/चंडीगढ़, मई
13( )- घर और दुकानों की टूटी छतें, बिखरा पड़ा समान, शिकायतकर्ता और उनके परिवार के घरों पर झुलता ताला, ये सब बयान करता है कि पूर्व बर्धमान के गांव नबोग्राम में दलित परिवारों के साथ कैसा अत्याचार हुआ है। ये बातें राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने कही।
पश्चिम बंगाल से आ रही दलित उत्पीडऩ की घटनाओं का सख्ती से संज्ञान लेते हुए, चेयरमैन सांपला अपने दो दिवसीय दौरे में बंगाल में है। आज विजय सांपला पूर्व बर्धमान जिले स्थित नबोग्राम गांव के शिकायतकर्ता आशीष खेत्रपाल के आवास पर पहुंचे और वहां ताला लटकता पाया।
स्थानीय प्रशासनिक और जिला पुलिस अधिकारियों को जब पूछा की शिकायतकर्ता कहां हैं, तो उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
किसी व्यक्ति नें गुप्त रूप से यह जानकारी दी कि आहत शिकायतकर्ता के पिता लाईफ केयर नर्सिंग होम में उपचारधीन है। सांपला जी उक्त नर्सिंग होम में उनसे मिलने गए जहां पीडि़त ने अश्रुपूरित अवस्था मे उसकी पत्नी की हत्या और भाई को गम्भीर रूप से घायल कर देने वाले बर्बर हमले की हृदय विदारक घटना को सांझा किया।
पूर्व बर्धमान के मिलिकपाड़ा ग्राम में 3 मई को दलित समाज के लोगों के 12 दुकानों को लूट-पाट कर ध्वंस कर दिया गया था। पीडि़त, विशेषत: महिलाओं ने खुलकर पुलिस निष्क्रियता की विरुद्ध अपना बयान दर्ज कराया।
घटनास्थल पर ही चेयरमैन सांपला ने जिला आयुक्त से दलित अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दलित परिवारों के पुर्नवास व मुआवजे देने के तुरंत आदेश दिए। उन्होंने एएसपी से कहा कि सभी अभियुक्तों को त्वरित चिन्हित करके दलित अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाए।
ततपश्चात, सर्कट हाउस बर्धमान में 25 दलित पीडि़तों की व्यथा सांपला ने उप आयुक्त व एसएसपी की उपस्थिति में सुनी और उन्हें दलित अधिनियम के तहत उचित करवाई करने का निर्देश दिया।
14 मई को श्री विजय सांपला दक्षिण 24 परगना के सरिसा ग्राम जाएंगे और पीडि़तों की सीधी शिकायत सुनेंगे।

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