हरियाणा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाते हुए एमएसएमई निदेशालय और सिडबी द्वारा आज एक वेबिनार का आयोजन किया गया

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चंडीगढ़, 28 मई– हरियाणा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाते हुए एमएसएमई निदेशालय और सिडबी द्वारा आज एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एमएसएमई के लिए नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने की एक योजना को प्रमोट करना भी था।

एमएसएमई निदेशालय के महानिदेशक श्री विकास गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित इस वेबिनार में राज्य के लिए उक्त योजना के तौर-तरीकों और कार्यान्वयन की रणनीति पर प्रमुखता से फोकस किया गया।

इस वेबिनार में करनाल एमएसएमई डिवलेपमैंट इंडस्ट्रीज के अलावा हरियाणा के तकनीकी शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, कौशल विकास विभाग, उद्योग संघ, वाईएमसीए फरीदाबाद जैसे प्रमुख सरकारी संस्थान, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और अन्य प्रतिष्ठित निजी कॉलेजों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर एमएसएमई निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक श्री शशिकांत ने नई ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति-2020’ और एमएसएमई के लिए भारत सरकार की अन्य योजनाओं के तहत प्रदान की जा रही विभिन्न योजनाओं और वित्तीय सहायता पर चर्चा की।

उन्होंने हरियाणा ग्रामीण उद्योग विकास योजना पर विशेष जोर दिया, यह एक पथ-प्रदर्शक योजना है जो ग्रामीण उद्यमिता और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों के लिए पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और डीजी सब्सिडी जैसे आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए सीड-ग्रांट के रूप में 10 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता, 5 लाख रुपए तक लीज-रेंटल सब्सिडी, 5 साल के लिए 8 प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी, 7 वर्षों के लिए 100 प्रतिशत नेट-एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति के अलावा राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ऊष्मायन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए परामर्श और सहायता भी प्रदान की जाएगी।

वेबिनार में उक्त योजना के लिए ‘सिडबी पीएमयू और ‘टीम ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी’ द्वारा एक प्रस्तुति भी दी गई।

श्री शशिकांत ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि यह वेबिनार एमएसएमई को विभिन्न केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और पहलों का लाभ उठाने के लिए शिक्षित और सक्षम बनाने में मदद करेगा, इसके अलावा प्रदेश में एमएसएमई को लाभान्वित करने और अधिक उद्यमिता और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से ऊष्मायन केंद्र स्थापित करने को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उद्यमिता में तेजी लाने और कृषि-उद्योग में नवाचार के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी केंद्रों और ऊष्मायन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने हेतु इस योजना की शुरुआत की है। प्रदेश में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण भी एमएसएमई के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन के दृष्टिकोण के अनुरूप एमएसएमई निदेशालय ने कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। एमएसएमई निदेशालय अब राज्य में एमएसएमई को बढ़ावा देने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने हेतु राज्य में तेजी से काम कर रहा है।