दानेदार यूरिया उर्वरक की जगह इफको ने उतारा नैनो यूरिया, कम लागत में बढ़ेगी पैदावार

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इफको ने किसानों के लिए किया वेबिनार का आयोजन, बताया कैसे काम करेगा नैनो फर्टिलाइजर
ऊना, 7 जून,2021-  इफको हिमाचल प्रदेश द्वारा किसानों के लिए नैनो यूरिया के महत्व एवं उपयोग बारे आज एक वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार कार्यक्रम में विश्व में पहली बार निर्मित नैनो यूरिया के बारे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा चर्चा की गई। इफको के चीफ एरिया मैनेजर भुवनेश पठानिया ने बताया कि नैनो तरल यूरिया पर आयोजित वर्चुअल वेबिनार के माध्यम से 800 से भी अधिक किसान वैज्ञानिक बागवान सहकारी सभाओं के पदाधिकारी जुड़े।
पठानिया ने कहा कि सहकारी संस्था इफको ने किसानों के लिए क्रांतिकारी नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर नैनो यूरिया लिक्विड लॉन्च किया है। नैनो यूरिया पारंपरिक दानेदार यूरिया उर्वरक के उपयोग को कम करेगा और यूरिया के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। यह यूरिया उर्वरक के उपयोग की लागत को कम करेगा और हमारे किसान बंधुओं की फसल की पैदावार में भी वृद्धि होगी।
भुवनेश पठानिया ने कहा कि वेबिनार में बताया गया कि खेती में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने के लिए इफको ने नैनो यूरिया तरल विकसित किया है। इसे आत्मनिर्भर भारत व आत्मनिर्भर कृषि की तर्ज पर स्वदेशी व प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से गुजरात में कलोल के इफको नैनो जैवप्रोद्योगिकी अनुसंधान केंद्र में बनाया है। यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग को प्रतिस्थापित करेगी। पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग तथा मृदा, जल व वायु प्रदूषण कम करने में सक्षम होने से यह पौधों के पोषण के लिए टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को काफी हद तक कम करने में सहायता मिलेगी तथा उपज में भी बढोतरी होगी। इसके प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे। नेनों यूरिया तरल फसलों को मजबूत व स्वस्थ बनाता है। फसलों को गिरने से बचाता है।