पराली संकट का बेहतरीन बदल है बठिंडा थर्मल प्लांट – अमन अरोड़ा

Aman Arora Aap Punjab

थर्मल प्लांट को ध्वस्त करने की जल्दबाजी कर रहे अमरिन्दर सरकार को ‘आप’ विधायकों ने घेरा

चण्डीगढ़, 10 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने गुरू नानक देव थर्मल प्लांट बठिंडा को पराली की समस्या का सबसे बेहतर और लाभदायक हल बताते हुए पंजाब सरकार व केंद्र सरकार से अपील की है कि बठिंडा थर्मल प्लांट को ध्वस्थ करने की बजाए इस को पराली पर चलाना यकीनी बनाएं।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा, प्रो. बलजिन्दर कौर और रुपिन्दर कौर रूबी ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से की जा रही जवाबदेही के मद्देनजर पराली के निपटारे के लिए हाथ पैर मार रहे हैं, दूसरी तरफ बठिंडा थर्मल प्लांट को पराली पर चलाने सम्बन्धित लाभदायक प्रस्ताव को लैंड माफिया के दबाव में आकर शरेआम अनदेखा कर रहे हैं।
‘आप’ नेताओं ने आरोप लगाया कि बादलों के नक्शे कदम पर चलते अमरिन्दर सिंह सरकार श्री नानक देव जी को समर्पित और बठिंडा की गौरवमई विरासत माने जाते बठिंडा थर्मल प्लांट की लगभग 1764 एकड़ जमीन अपने चहेते लैंड माफिया को लुटाना चाहती है, यदि मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की नीयत और नीति साफ होती और बाबा नानक से संबंधित अमूल्य विरासत को बचाने और फिर से चलाने के लिए हर हद तक जाते, परंतु ‘राजा साहिब’ और उनके वित्त मंत्री मनप्रीत बादल तो सुखबीर सिंह बादल को पीछे छोड़ते हुए खुद ही प्रॉपर्टी डीलरों की तरह काम करने में लग गए हैं और अपने पाले हुए लैंड-माफिया को दोनों हत्थों से जायदादें/जमीनें लुटाने में लगे हुए हैं।
अमन अरोड़ा और प्रो. बलजिन्दर कौर ने मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा कि उन्होंने बठिंडा थर्मल प्लांट के बोर्ड ऑफ डायरैकटर्ज (बीओडीज़) की तरफ से 21 नवंबर 2018 को थर्मल का एक यूनिट पराली पर चलाने के लिए दिए अति लाभदायक प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में क्यूं फेंका, जबकि तब पावर-कौम भी 60 मैगावाट का यूनिट पराली पर चलाने का इच्छुक था।
अमन अरोड़ा और रुपिन्दर कौर ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री को पूछा कि पहले प्रधान मंत्री दफ्तर की मार्फत केंद्रीय रीन्यूल एनर्जी मंत्रालय की तरफ से बीती 10 जुलाई को वीडियो कान्फ्रेंस के द्वारा बैठक करके बठिंडा थर्मल प्लांट को पराली पर चलाने के बारे में कोई रुचि क्यूं नहीं दिखाई और अब जब राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से इस थर्मल को पराली पर चलाए जाने के बारे में जवाब मांगा जा रही है तो पावर-कौम और पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) जवाबनामा दायर करने से भी किसके इशारे पर भाग रहे हैं?
अमन अरोड़ा, प्रो. बलजिन्दर कौर और रुपिन्दर कौर रूबी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सबसे पहले बठिंडा थर्मल प्लांट को गिराऐ जाने सम्बन्धित लगाऐ टैंडरों की प्रक्रिया रोकी जाए, जो आगामी 20 अगस्त को खुलनी है।
इसी तरह थर्मल की जमीन का कब्जा पुड्डा को देने की प्रक्रिया तुरंत रोकी जाए और इस थर्मल को पराली पर चलाने के लिए मौजूद सभी संभावनाओं पर पहल के आधार पर काम किया जाए, जिससे जहां बठिंडा थर्मल प्लांट फिर से चल सके। वहीं मालवा के बठिंडा, मानसा, संगरूर, बरनाला, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब समेत मालवा की पराली और पराली के साथ फैलते प्रदूषण की समस्या का स्थाई हल हो सके और किसानों की आमदनी बढ़ सके।