अपनी दो सरकारी यूनिवर्सिटियां भी चला नहीं सकती पंजाब सरकार -भगवंत मान

MP Bhagwant Mann

गंभीर वित्तीय संकट का शिकार हुई पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को लेकर सरकार पर बरसे ‘आप’ सांसद
कहा, सरकारी थर्मल प्लांट की तरह ही साजिश का शिकार हैं सरकारी यूनिवर्सिटियां

चण्डीगढ़, 11 अगस्त 2020
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने गंभीर वित्तीय संकट का शिकार हुई पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के लिए मौजूदा कांग्रेस और पिछली बादल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि पंजाब सरकार अपनी 2 यूनिवर्सिटियां (पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर) भी चलाने के लायक नहीं रही।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि जब अपनी, जायज मांगों के लिए स्कूलों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों के अध्यापक, प्रोफैसर और अन्य समूह स्टाफ धरने-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाए तो सत्ताधारियों को राज-दरबार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता।
भगवंत मान ने कहा कि इजराइल की हैबरू यूनिवर्सिटी (1918) के बाद पंजाबी यूनिवर्सिटी मातृ-भाषा पर आधारित दुनिया की दूसरी यूनिवर्सिटी थी, जबकि श्री गुरु नानक देव जी के 500 वर्षिय शताब्दी वर्ष मौके 1969 में जीएनडीयू, श्री अमृतसर स्थापित की गई थी, परंतु प्रदेश सरकारों की सरकारी शिक्षा विरोधी नीयत और नीतियों के कारण विद्या के इन दोनों (पंजाबी यूनिवर्सिटी और जीएनडीयू) अमूल्य यूनिवर्सिटियों को उसी तरह मिटाने की साजिश हो रही है, जैसे निजी थर्मल प्लांटों के हितों के लिए श्री गुरु नानक थर्मल प्लांट बठिंडा को मलियामेट किया जा रहा है।
भगवंत मान ने बताया कि सरकारी बेरुखी और अनावश्यक राजनैतिक दखल-अन्दाजी के कारण पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला 150 करोड़ रुपए की ऋणी हो चुकी है। पिछले 3-4 सालों से अध्यापकों, प्रोफैसरों और दूसरे अन्य स्टाफ को वेतन, पैनशनें और अन्य लाभ-भत्ते समय पर नहीं मिल रहे। यहां तक कि साल 2013-14 में सरकार की तरफ से खुले आम 17 करोड़ रुपए का महंगाई भत्ता आज तक नहीं मिला। सरकार की ओर से मंजूरशुदा वार्षिक 108 करोड़ ग्रांट अपर्याप्त होने के साथ-साथ पूरी नहीं मिलती।
भगवंत मान के अनुसार यूनिवर्सिटी के प्रोफैसरों और आधिकारियों ने बताया कि पिछले लंबे समय से अपेक्षित फैकल्टी भर्ती न किए जाने के कारण काफी विभाग एक-एक, दो-दो प्रोफेसरों के साथ ही चल रहे हैं। मान ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी ही गेस्ट फैकल्टी के सहारे चल रही हो तो इस अधीन आते 300 कालेजों का कितना बुरा हाल होगा, इस का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
भगवंत मान ने मुख्य मंत्री से अपील की है कि वह तुरंत यूनिवर्सिटी की मांग के अनुसार लगभग 350 करोड़ रुपए जारी करने और पंजाबी यूनिवर्सिटी जो कि उन के अपने जद्दी शहर में स्थित है, को पक्के तौर पर वित्तीय संकट से निकालें।