भाजपा की तरह तुष्टिकरण और देश को बांटने वाली राजनीति करना बंद करे कांग्रेस: भगवंत मान, राघव चड्ढा
दिल्ली,19 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कांग्रेस पर देश को तोडऩे की राजनीति करने के आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान व सांसद भगवंत मान तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता, पंजाब मामलों के सह प्रभारी व दिल्ली से विधायक राघव चड्ढा ने वीरवार को पार्टी ऑफिस से संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए यह आरोप लगाए और कांग्रेस नेतृत्व से स्पष्टीकरण मांगा। इस से पहले इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब मामलों के प्रभारी व विधायक जरनैल सिंह भी सिद्धू पर हमला बोल चुके हैं।कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह के सलाहकार की टिप्पणी को लेकर सीधा नवजोत सिद्धू को घेरते हुए भगवंत मान ने कहा कि सिद्धु ने अपने सिपे सलारों के जरिए देश की अखंडता और प्रभुता के खिलाफ जाकर जो बयान दिए हैं,उस से पंजाब व देश की जनता आहत है। आप नेताओं ने सिद्धू को चेतावनी देते हुए कहा कि वह तुष्टिकरण और देश को बांटने की राजनीति करना बंद करें।
राघव चड्ढा ने कहा कि भले ही सिद्धू कांग्रेस का हिस्सा हैं लेकिन उनके रग रग में अब भी भाजपा रमी हुई है, क्योंकि भाजपा हमेशा से ही देश को बांटने की राजनीति करती आई है तथा सिद्धू भी भाजपा के ही हथकंडे अपना रहे हैं।
उन्होंने सिद्धू से सवाल किया कि क्या वह कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते? क्या वह चाहते हैं कि कश्मीर को अलग देश का दर्जा मिलना चाहिए? देश के खिलाफ जाकर इस प्रकार के बयान उन्हें शोभा नहीं देते।
उन्होंने सिद्धू से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि उन्हें पंजाब व देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए,क्योंकि इस प्रकार के देश विरोधी बयानों से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
आप नेताओं ने कहा कि पंजाब शूरवीरों की धरती है तथा अपने सलाहकार के माध्यम से सिद्धू का कश्मीर को अलग देश बनाने के बयान ने सीमा पर तैनात पंजाब व देश के जवान का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ उनकी इस प्रकार की टिप्पणी तथा राष्ट्र विरोधी सोच ने सरहद पर शहीद होने वाले जवानों की शहादत पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या जवानों की शहादत उनके लिए कोई मायने नहीं रखती? आम आदमी पार्टी सिद्धू की इस प्रकार की सोच की निंदा करती है तथा देश की जनता भी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। अपने संकीर्ण सोच तथा ओछी राजनीति करने का खामियाजा उन्हें 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

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