पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का `आप’ ने किया सख्त विरोध

HARPAL CHEEMA
ਪੈਟਰੋਲ-ਡੀਜ਼ਲ ਦੀਆਂ ਕੀਮਤਾਂ ਨੇ ਮਹਿੰਗਾਈ ਨੂੰ ਲਾਈ ਅੱਗ, ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰਾਂ ਹਨ ਜਿੰਮੇਵਾਰ: ਹਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ
-यह मोदी सरकार द्वारा देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है: हरपाल सिंह चीमा 
-तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाएं मुख्यमंत्री चन्नी, संयुक्त प्रतिनिधिमंडल लेकर केंद्र सरकार से मिलें 
– विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर निर्णय रद्द किया जाए 

चंडीगढ़, 14 अक्तूबर 2021  

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से पचास किलोमीटर तक के दायरे को बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा और विरोध करते हुए इसे देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की राज्यों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश है। `आप’ ने मांग की कि केंद्र सरकार को इस घातक फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए और राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देना बंद करना चाहिए।

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पार्टी मुख्यालय से वीरवार को जारी बयान में `आप’ के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से इस संबंध में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने और केंद्र सरकार से बातचीत के लिए एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ले जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने और इस निर्णय को रद्द करने की मांग भी की है।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शक्तियों के केंद्रीयकरण करने समेत राज्योंं के अधिकारों पर डाका डालने के साथ भाजपा ने कांग्रेस को भी पछाड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी गई है और पंजाब पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण रखने की साजिश रची गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी केंद्र सरकार ने कृषि के मुद्दे पर राज्यों की सहमति लिए बिना काले कृषि कानून बनाकर राज्यों के अधिकार छीेने हैं, क्योंकि कृषि राज्यों के अधिकार क्षेत्र की सूची में शामिल है।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय सीमा से पचास किलोमीटर तक बढ़ाने के फैसले ने इसे पंजाब पुलिस की भागीदारी के साथ या उसके बिना भी पासपोर्ट, कस्टम और एनडीपीएस कानूनों के तहत घरों की तलाशी लेने और गिरफ्तारी का अधिकार दिया है। चीमा ने कहा कि इस फैसले से पठानकोट, गुरदासपुर, पवित्र शहर अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का सहित पंजाब के छह जिले प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के कुल 50,632 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में से अनुमानित 27,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बीएसएफ के दायरे में आ जाएगा।
इस प्रकार के निणर्य पर स्पष्टीकरण मांगते हुए चीमा ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या नशीली दवाओं की तस्करी बढ़ रही है या कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हुई है, जो राज्य सरकार की जानकारी और सहमति के बिना ऐसे कदम उठाने पड़े? चुनाव से पहले पंजाब में तनावपूर्ण/अस्थिर माहौल क्यों बनाया जा रहा है? चीमा ने कहा केंद्र सरकार इस फैसले से लोगों के मन में डर पैदा कर रही है, ऐसा माहौल लोगों में आपसी सद्भावना और भाइचारे को भी क्षति पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदी से जूझ रहे पंजाब के व्यापार पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। साथ ही इंडस्ट्री पर होने वाले नए निवेशों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी से स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि हालही में उनकी गृह मंत्री से हुई बैठक में ऐसी क्या बातचीत हुई, जिससे गृह मंत्रालय को ऐसा निर्णय लेने का बहाना मिल गया।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ङ्क्षसह द्वारा मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किए जाने से साफ हो गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले भी मोदी के इशारों पर नाचते थे और आज भी मोदी के साथ खड़े हैं, यह आरोप आम आदमी पार्टी शुरूआत से लगाती आ रही है।