चंडीगढ़, 30 दिसंबरः
कोविड महामारी के दौरान जब दुनिया भर में सब कुछ रुक गया था तो उस समय पंजाब के खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग की तरफ से किसानों की तरफ से पुत्रों के समान पोषित फसल की खरीद को यकीनी बनाने के लिए नवीन किस्म के प्रबंध किये गए। उक्त प्रगटावा पंजाब के सिविल सप्लाई मंत्री श्री भारत भूषण आशु की तरफ से किया गया।
श्री आशु ने बताया कि 23 मार्च, 2020 को राज्य में लॉकडाउन/कर्फ्यू लागू हो गया था, जबकि किसानों की फसल बैसाखी तक तैयार हो जाती है। लॉकडाउन के दौरान जब यह बात आम चर्चा का विषय थी कि इस बार कोविड-19 के कारण खरीद करनी मुश्किल है तो विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री, पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह के योग्य नेतृत्व में एक उपयुक्त नीति बना कर खरीद प्रक्रिया 15 अप्रैल को आरंभ की गई।
उन्होंने बताया कि खरीद के दौरान कोरोना वायरस फैलने से रोकनेे के लिए उपयुक्त प्रबंध किये गए थे, जिसके द्वारा मंडियों में आने वाले किसानों को पास जारी करने के अलावा सैनेटाईजेशन, सैनेटाईज़र, मास्क और सामाजिक दूरी की पालना को यकीनी बनाने के प्रबंध किये गए थे। उन्होंने बताया कि गेहूँ की पूरी खरीद प्रक्रिया के दौरान कोरोना वायरस फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया। इस सीजन के दौरान राज्य की खरीद एजेंसियों की तरफ से 127.69 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद 1925/- रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई और खरीद सम्बन्धी अदायगी 48 घंटे में किसानों को कर दी गई।
श्री आशु ने बताया कि धान की खरीद सम्बन्धी भी बड़े स्तर पर प्रबंध किये गए और राज्य में मंडियों की संख्या को अस्थायी तौर पर बड़ा कर 4200 के करीब कर दिया गया था और इस दौरान 203.96 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद 1888/- रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य के द्वारा की गई।

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