किसानी मसलों के हल के लिए समूची राजनैतिक पार्टियों को एकजुट करने के लिए लोकसभा के स्पीकर पहल करेंः रवनीत सिंह बिट्टू

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लोकसभा में पंजाब के उठाए गए विभिन्न मसले
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 17 मार्चः
सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से अपील की कि वह तीन खेती कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे मुल्क के किसानों के मसलों के हल के लिए देश की समूचे राजनैतिक पार्टियों और नेताओं को एकजुट होने के लिए कहें। संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान अपने संबोधन में लुधियाना से सांसद श्री बिट्टू ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए लोकसभा के स्पीकर अहम भूमिका निभाने में सक्षम हैं। रवनीत बिट्टू ने कहा कि उनको खुशी है कि स्पीकर, लोकसभा खुद भी एक किसान हैं और इस समय सिर्फ वही हैं, जो सभी पार्टियों को मिलाकर किसानों से सम्बन्धित मसले का हल कर सकते हैं और इसलिए उनको इस सम्बन्धी पहल करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को जब भी किसी प्रकार की जरूरत पड़ी है तो पंजाब और पंजाब के किसानों ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी चाहे यह मुल्क के लिए खाद्य पदार्थ की पैदावार का मसला हो या सरहद पर मुल्क की सुरक्षा का।
उन्होंने कहा कि पिछले सात महीनों से पंजाब के ग्रामीण विकास फंड के 900 करोड़ रुपए लम्बित हैं। श्री बिट्टू ने बताया कि धान की मीलिंग का काम भी पंजाब में रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक लाख टन धान की कीमत 300 करोड़ है जबकि पंजाब का 62 लाख टन धान की फसल मीलिंग के पक्ष से रोक दिया गया है जिससे बड़ा नुक्सान हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से गेहूँ की खरीद शुरू होने से पहले खरीद मापदंड नियमों में भी तबदीलियाँ कर दी गई हैं और उन्होंने कहा कि पंजाब को उचित रूप में बारदाने की सप्लाई भी नहीं की जा रही।
उन्होंने कहा कि पंजाब एक सरहदी राज्य है जहाँ किसानी संघर्ष शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में पाकिस्तान द्वारा ड्रोनों के द्वारा आर.डी.एक्स भेजने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के हालात फिर से खराब होते हैं तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी।