मोनटेक सिंह आहलूवालिया ने मीडिया रिपोर्टों को ‘गुमराह करने वाला’ बताया, कृषि विकास के लिए फ़सलीय विभिन्नता ही एकमात्र उम्मीद
चंडीगढ़, 15 अगस्त:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में किसानों की मुफ़्त बिजली वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता और यह तब तक जारी रहेगी, जब तक वह सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि, मोनटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में माहिरों के समूह की रिपोर्ट प्राथमिक है और उनकी सरकार किसी भी माहिर द्वारा मुफ़्त बिजली वापस लेने की कोई सिफ़ारिश नहीं मानेगी। मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब तक मैं यहाँ हूँ, ट्यूबवैलों के लिए मुफ़्त बिजली जारी रहेगी।’’
मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा विचार-विमर्श के दौरान मोनटेक सिंह आहूलवालिया ने ख़ुद स्पष्ट किया कि माहिरों की रिपोर्ट किसान विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में जो कहा गया है, वह गुंमराह करने वाला है, जबकि माहिरों ने सुझाव दिया था कि पंजाब के कृषि विकास के लिए फ़सलीय विभिन्नता ही एकमात्र उम्मीद है।
श्री आहलुवालिया ने कहा कि जब राज्य सरकार ही यह ऐलान स्पष्ट रूप से कर चुकी है कि किसानों के लिए मुफ़्त बिजली की नीति में कोई तबदीली करने की योजना नहीं है तो माहिरों के समूह ने सिफ़ारिश की थी कि किसानों को धान के चक्र में से निकालने के लिए रियायतें दी जानी चाहीए हैं, क्योंकि पानी के अधिक उपभोग वाली फ़सल बेशक किसानों के लिए आर्थिक तौर पर लाभप्रद है, चाहे कि इसका वातावरण के लिहाज़ से बहुत बड़ा नुकसान है। श्री मोनटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि कृषि विभिन्नता से भाव धान के अधीन क्षेत्रफल घटाना है और मंडीकरण का आधुनिकीकरण करना है, जो प्राईवेट सैक्टर की बड़ी भूमिका का संकेत देती है।
मुख्यमंत्री ने कोविड के बाद पंजाब के आर्थिक पूनद्र्धार के लिए रणनीति बनाने के लिए मोनटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में माहिरों का समूह गठित किया गया था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब में कृषि विभिन्नता उनके मुख्यमंत्री के तौर पर पहले कार्यकाल से शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि धान अधीन क्षेत्रफल कम कर इस साल बड़े स्तर पर कपास अधीन क्षेत्रफल बढ़ा है, परन्तु समर्थन मूल्य की समस्या कृषि विभिन्नता के रास्ते में रोड़ा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान के फ़सलीय चक्र से निकालने के लिए वैकल्पिक फसलों के लिए न्युनतम समर्थन मूल्य की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब, बिजली पक्ष से सरपल्स राज्य है जिस कारण उनकी सरकार ने औद्योगिक बिजली की कीमत पाँच रुपए प्रति यूनिट तय की है, जिससे राज्य में निवेश के लिए उद्योगों को रियायतें दी जा सकें। उन्होंने रोजग़ार के मौके बढ़ाने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी आधुनिक आर्थिकता अकेले कृषि के सिर पर टिकी नहीं रह सकती। उन्होंने ओद्योगीकरण पर केंद्रित होने की महत्ता का जि़क्र किया। उन्होंने निवेश को बढ़ावा देने के लिए मोहाली में विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटी स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चाहे मौजूदा स्थिति बहुत गंभीर है, परन्तु पंजाब फिर उभरेगा।
पंजाब को पहले वाले स्थान पर लाने के लिए लम्बी योजनाबंदी की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए श्री आहलुवालिया ने कहा कि कोविड संकट से निपटने में पंजाब ने बाकी राज्यों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य को मुल्क के बाकी हिस्सों की तरह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए फंड बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि भविष्य में भी ऐसी महामारियों को आने से रोका नहीं जा सकता, जिस कारण अगले पाँच सालों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च को कुल 20 प्रतिशत तक ले जाने की ज़रूरत है।
माहिरों के समूह ने आर्थिक पुनद्र्धार और विकास के लिए कुछ थोड़े समय के लिए कदम उठाने का भी सुझाव दिया, जो राज्य साल 2021-22 के दौरान घटने की उम्मीद रख सकता है।
गिरावट के रुझान पर रोक लगाने के लिए इंकलाबी नीति तबदीलियों का सुझाव देते हुए मोनटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि यह तबदीलियाँ सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन किए जाने की ज़रूरत है, जिससे अफसरशाही की किसी तरह की रुकावट से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि कारोबार को आसान बनाने में पंजाब को और सुधार की ज़रूरत है और सरकार को ओद्योगिकरण को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी तबदीलियाँ मुकम्मल करने का समय 2021 के मध्य का मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि माहिरों के ग्रुप द्वारा दी गईं 128 सिफारिशें में से यदि 100 भी पुरी हो जाएँ तो औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब बड़े बदलाव करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य अगले छह महीनों में मौजूदा नियमों और नियमों में ज़रुरी बदलाव करना है, क्योंकि ज़मीनी स्तर पर उद्योग भी महसूस करे कि बहुत बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है। उन्होंने इसको साल 2021 के बाद निवेश लाने के योग्य होने के लिए बेहतर गारंटी बताया।
इस मौके पर मुख्य सचिव विनी महाजन और पंजाब सरकार के सीनियर अधिकारियों के अलावा प्रोफ़ैसर एम. गोविन्दा राव, डॉ. अशोक गुलाटी, डॉ. के. श्रीनाथ रैड्डी, प्रोफ़ैसर निरविकार सिंह, सिमोन जॉर्ज, डॉ. बी.एस. ढिल्लों, इकबाल धालीवाल, प्रमोद भसीन, राहुल आहूजा, करन गिलहोत्रा और माहिर ग्रुप के अन्य मैंबर शामिल थे।

English





