कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय मंत्रालय द्वारा कथित स्कॉलरशिप घोटाले में जांच को संघीय राजनैतिक ढांचे पर एक और हमला करार दिया

CM Captain
कहा, अनियमितताएं बल्कि बीती अकाली-भाजपा सरकार से सम्बन्धित और उनकी सरकार के ऑडिट ने इसका पर्दाफाश किया
चंडीगढ़, 31 अगस्त:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के साथ बिना सलाह किए या मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना कथित स्कॉलरशिप घोटाले की जांच के आदेश दिए जाने का कड़ा विरोध किया है।
मुख्यमंत्री, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश के उस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसके अनुसार केंद्रीय मंत्री की शिकायत पर केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा विभागीय जांच के हुक्म दिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश के हवाले से सोमवार की शाम को यह कहा गया कि उन्होंने इस कथित घोटाले की तरफ केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत का ध्यान दिलाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि यह सत्य है, यह कदम भारतीय संवैधानिक राजनीति के संघीय ढांचे पर एक और हमला है। उन्होंने आगे कहा कि इस कदम का मकसद राज्य सरकार की साख को नुकसान पहुँचाना है, जो कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सभी ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को कमज़ोर करने के एजंडे का हिस्सा है, परन्तु उनकी सरकार भाजपा या उसके हिस्सेदार शिरोमणी अकाली दल द्वारा डाले जा रहे ऐसे ओछे दबाव के आगे नहीं झुकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कथित घोटाले जिसमें उक्त जांच के आदेश दिए गए हैं, उसकी शुरुआत 2015-2017 में अकाली-भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के विभाग की कथित जांच का मनोरथ इस मामले में भाजपा-अकाली दल के बुरे कामों को छिपाना है तो वह इसमें सफल नहीं होंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वास्तव में उनकी सरकार द्वारा किए गए ऑडिट के हुक्मों के दौरान ही कुछ अनियमितताएं सामने आईं थीं, जो अब मुख्य सचिव की जांच का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग को बीती सरकार के समय के दौरान मंज़ूर किए गए फंडों के अनुसार कुछ कॉलेजों को की गई कुछ अदायगियों में अंतर और अनियमितताओं का पता लगा था, तब से ही उन्होंने विस्तार में जांच करने के हुक्म दिए थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी तरफ से जांच के हुक्म सरकार के विशेष नियमों और एकमात्र कानूनी विकल्प के अनुसार दिए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि राज्य से सम्बन्धित मामले में केंद्रीय विभाग की बिना किसी सहमति के कोई भी जांच बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उस पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को बंद करने की केंद्र सरकार की दलित विरोधी कार्यवाही की भी निंदा की, जो राज्य के लाखों गरीब एस.सी. विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लाभ पहुँचाती थी।