
सीएम चन्नी की आलोचना करते कहा- लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं, केवल कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली दरबार के चक्कर काट रहे हैं
सरकार उचित व्यवस्था करने में विफल, अनियंत्रित निजी अस्पतालों द्वारा लोगों का आर्थिक शोषण जारी
चंडीगढ़, 30 अक्तूबर
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब में डेंगू के बढ़ते मामलों पर ध्यान नहीं देने पर चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए इसे पूर्ण विफलता करार दिया है। पार्टी मुख्यालय से शनिवार को जारी एक बयान में, हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में बीते वर्ष के मुकाबले इस साल डेंगू के मामले और मौतों की संख्या लगभग दोगुनी दर्ज की गई है, जो चिंताजनक है।
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चीमा ने कहा कि पंजाब में बीते छह वर्ष से सबसे अधिक डेंगू के 15,400 से अधिक मामले और करीब 48 संदिग्ध मौत हो चुकी हैं। इस चिंताजनक आंकड़े के बावजूद चन्नी सरकार गहरी नींद में है। उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि सरकार की ओर से फिलहाल तक कोई आधिकारिक आंकड़ा भी पेश नहीं किया गया है। पंजाब में हालात हाथ से बाहर निकल रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री चन्नी दिल्ली में बैठे हैं। चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पंजाब के लोगों के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नहीं है, वह केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली दरबार में चक्कर काट रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हालही में विधायक अमन अरोड़ा और मीत हेयर सहित `आप’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ओपी सोनी से मुलाकात की थी और सरकार से मांग की थी कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य के संबंध में अपना ढिलाई रवैया छोडक़र डेंगू के खिलाफ युद्धस्तर पर काम करें। इस संबंध में ज्ञापन देने के बावजूद सरकार अभी तक हरकत में नहीं आई है। चीमा ने कहा कि यह सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तंज कसते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि “मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने डेंगू से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं, नहीं तो यह समझा जाना चाहिए कि पंजाब की सेहत उनके एजेंडे पर नहीं है।” उन्होंने आगे कांग्रेस सरकार पर राज्य में बड़े पैमाने पर डेंगू के मामलों के लिए उचित व्यवस्था नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी औषद्यालयों और अस्पतालों की दयनीय स्थिति के कारण मरीजों को अनियंत्रित निजी अस्पतालों से आर्थिक शोषण के लिए छोड़ दिया गया है।
`आप’ नेता ने कहा कि पंजाब की चन्नी सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से मार्गदर्शन लेना चाहिए। चीमा ने कहा कि कोविड के बाद अब डेंगू के मामलों ने पंजाब में एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि डेंगू वार्षिक आपदा है लेकिन राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए समय रहते कभी कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया, जबकि सभी तैयारियां जुलाई महीने तक हो जानी चाहिए थी। सितंबर, अक्तूबर और नवंबर महीने में डेंगू का प्रकोप चरम पर होता है।
चीमा ने कहा कि लोगों को डेंगू के प्रकोप का खामियाजा भुगतना पड़ता है, क्योंकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सडक़ों और गलियों में गंदगी, मलबा और जमा पानी डेंगू और इसके लारवा पैदा करता है, जिसके लिए न केवल स्थानीय निकाय बल्कि अन्य संबंधित विभाग भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था ने मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की विफलता को भी उजागर किया है। चीमा ने मांग की है कि पंजाब सरकार निजी अस्पतालों में हो रही लूट को तुरंत बंद करने सहित निजी अस्पतालों में बेड चार्ज और एसडीपी किट का खर्च भी तय करे।

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