कृषि से औद्योगिक क्षेत्र में भी पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध हैं – कैप्टन

Chief Minister Captain Amrinder Singh

अमरिन्दर सिंह ‘कोई बात नहीं’ वाली धारणा के चलते कोविड के देरी से टैस्ट और इलाज करवाने से बढ़ती मौत दर के लिए पंजाबियों को सावधान किया
चंडीगढ़, 11 अगस्त:
औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने की अपनी वचनबद्धता दोहराते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को कहा है कि वह चाहते हैं कि राज्य औद्योगिक और कृषि दोनों क्षेत्रों में नेतृत्व करे और इसको तरक्की के रास्ते पर लेकर जाये।
वह वीडियो कान्फ्ऱेंस के द्वारा देश के प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ दिन भर चली मीटिंग को संबोधन कर रहे थे जिसका नेतृत्व चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने किया। मुख्यमंत्री ने चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी का इस बात पर भी धन्यवाद किया कि उन्होंने कोविड के संकट के दौरान सबसे पहले अपने कैंपस को 1000 बिस्तरों का कोविड केयर सैंटर बनाने की पहल की और साथ ही सैनीटाईजऱ, मास्क और अन्य ज़रूरी वस्तुएँ बाँटी।
पंजाब को औद्योगिक विकास के रास्ते पर ले जाने की अपनी दृढ़ता प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री ने अपने जीवन काल में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने की इच्छा ज़ाहिर की जिससे राज्य की आने वाली पीढिय़ों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि फि़लहाल चिंता का विषय पंजाबियों के ‘कोई बात नहीं’ वाली लापरवाह धारणा के चलते टैस्ट और इलाज में देरी के कारण राज्य में कोविड के बढ़ते मामलों का है। उन्होंने कहा कि हालाँकि यह एक अच्छी धारणा है परन्तु कोविड महामारी के मद्देनजऱ कुछ मामलों में यह नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले दिन में उन्होंने यही बात प्रधानमंत्री को भी कही थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की अपेक्षा पंजाब की अधिक मौत दर इसी स्वभाव के कारण है क्योंकि पंजाबी अस्पताल जाने में तब तक देरी करते हैं जब तक लाजि़मी नहीं हो जाता।
उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों को पंजाब आने और उनकी सरकार की तरफ से राज्य में बनाऐ औद्योगीकरण माहौल का जायज़ा लेने का न्योता देते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में उद्योग समर्थकी नीतियाँ, निर्विघ्न संपर्क व्यवस्था, उच्च स्तरीय बुनियादी ढांचा, कौशल काम के साथ हुनर विकास और बेहतरीन प्लेसमेंट के मौके पर प्रदान करने वाली नामक शैक्षिक संस्थाओं ने पंजाब को निवेश के लिए उपयुक्त स्थान बनाया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि अकालियों ने पंजाबी राज्य लहर के द्वारा सिख बहुमत वाले राज्य की सृजना करने के लिए राज्य का पुनर्गठन करवाया और इनकी इस राजनीति की कीमत पंजाब को औद्योगिक पट्टी खोकर उतारनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि पानी के संकट ने कृषि को भी प्रभावित किया है और राज्य को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। भूजल में गिरावट के चलते कृषि के अब टिकाऊ विकास का क्षेत्र न रहने के कारण उनकी सरकार ने औद्योगिक विकास को प्रौत्साहन देने के लिए मुहिम शुरू की हुई है। उन्होंने कहा कि नये नियमों से उद्योगों को रुकी हुई मंज़ूरियां मिलती हैं जिससे इस क्षेत्र में विकास करने में सुविधा हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाँच रुपए प्रति यूनिट बिजली, निवेश की आकर्षक संभावनाओं समेत विभिन्न रियायतें और नीतियाँ पंजाब में निवेश करने के लिए रास्ता खोलती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों के दौरान ज़मीनी स्तर पर 65000 करोड़ रुपए का निवेश और चार बड़े औद्योगिक पार्कों के आने से पंजाब पहले ही बड़े कॉर्पोरेट दिग्गजों के लिए अपनी बेमिसाल निवेश संभावनाओं की पेशकश करके अपने आप को सिद्ध कर चुका है।
उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान भी राज्य को तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन हटने के बाद प्रवासी मज़दूर बड़ी संख्या में लौट रहे हैं और लुधियाना में 2.34 लाख यूनिट पहले ही कार्यशील हैं। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि राज्य और राज्य के उद्योगों ने हमेशा प्रवासी मज़दूरों का ख़्याल रखा है और हड़तालें, ट्रक यूनियनें आदि की अनुपस्थिति उद्योगों को उत्साहित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मीटिंग में बताया कि कोविड के बाद के समय में औद्योगिक विकास और आर्थिकता को फिर सुरजीत करने के लिए थोड़ी और बीच के मियाद की कार्य योजनाएँ बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्रीय मोंटेक सिंह आहलूवालीया के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय माहिर कमेटी नियुक्त की थी।
मीटिंग में उद्योग जगत के अग्रणी नेताओं ने अलग-अलग सिफारशें /सुझाव और चिंताएं ज़ाहिर की। हिंदुस्तान यूनीलीवर के संजीव मेहता ने कर्मचारियों में कोविड के मामलों में विस्तार होने की स्थिति में उद्योग के साथ तालमेल करने के लिए जि़ला प्रशासन में एक नामज़द व्यक्ति की नियुक्ति और वर्करों के लिए 12 घंटों की शिफटों में काम करने की आज्ञा देने की विनती की। उन्होंने राज्य में कंपनी के 500 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के लिए तालमेल के लिए सरकार में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की माँग की। उन्होंने महिला सशक्तिकरन (शक्ति) प्रोग्राम के लिए पंजाब सरकार के साथ हिस्सेदारी की पेशकश की।
बायोकन के किरण मजूमदार शाह ने कहा कि नौकरियों के मौके पैदा करने के लिए पंजाब के पास डिजिटल हैल्थकेयर और सिस्टम में निवेश करने के बहुत मौके हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में उद्योगों के लिए साजग़ार माहौल उपलब्ध है और उनकी कंपनी राज्य में नौजवानों के लिए नौकरियाँ पैदा करने के लिए इसका लाभ उठा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेहत सहूलतों के बुनियादी ढांचे का विकास भी उनकी सरकार के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और उन्होंने इस लिए केंद्र सरकार की सहायता की माँग की थी।
टेक महिन्दरा के सी.पी. गुरनानी, जिनकी कंपनी अगले साल राज्य में पलाकशा यूनिवर्सिटी की शुरुआत करने जा रही है, ने राज्य सरकार के सहयोग और विकास के लिए पटियाला, लुधियाना और मोहाली में नवीन केन्द्रों की स्थापना की विनती की जिससे चीन पर निर्भरता घटेगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि मोहाली को आई.टी. हब के तौर पर विकसित किया गया है और राज्य में उद्योगों के विस्तार और विकास की बड़ी संभावना है।
वोलवो कंपनी के विनोद अग्रवाल ने आटोमोटिव उद्योग के लिए एक स्पष्ट प्रांतीय नीति की माँग की जिसके लिए पंजाब में अभी भी अथाह संभावना है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी निश्चित रूप से पंजाब को अपना अगला निवेश स्थान मान रही है। उन्होंने नौजवानों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाने संबंधी सुझाव दिया। उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षण पूरा होने पर नौजवानों को प्रशिक्षण देने और उनको रोजग़ार देने के लिए आटो लैबें स्थापित की जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने डी.एल.एफ. डिवैलपरज़ लिमिटेड के राजीव तलवाड़ द्वारा उठाए नुक्ते पर सहमति जताई कि शहरीकरण के लिए किफ़ायती किराये पर मकान ज़रूरी है।
उबेर के पवन वैस ने इलेक्ट्रिक थ्री -व्हीलर्स को जल्दी अपनाने की माँग की और कहा कि उनकी कंपनी ने ग़ैर रस्मिया से रस्मिया आर्थिकता में तबदीली के लिए बढिय़ा मौका पेश किया।
ऐमाज़ौन वेब सरविज़ के राहुल शर्मा ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की तरफ से पंजाब में कारोबार करने को आसान बनाने पर खुशी ज़ाहिर की।
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