फसल खराब होने पर किसानों को मिले मुआवजे का कानूनी अधिकार
राज्य आपदा राहत कोष के नियमों और शर्तों को बनाया जाए सरल: आप
चंडीगढ़,13 सितंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने मौसम की मार, सरकार की अक्षमता और कीटों के प्रकोप से फसल को हुए नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ के मुताबिक मुआवज़ा देने की मांग की है। साथ ही संधवां ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष के नियम व शर्तों में संशोधन कर इसे आसान बनाया जाए ताकि प्रभावित किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में अधिक से अधिक आर्थिक सहायता दी जा सके।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने आरोप लगाया कि लगातार बारिश और नदियों और नालों के उफान के कारण डूबी फसलों सहित कपास, मक्का और गन्ने और गुलाबी मक्खियों और कीटों के हमले से फसलों को भारी नुकसान हुआ है,लेकिन कैप्टन सरकार गहरी नींद में सो रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि गुलाबी मक्खी के हमले से मालवा पट्टी में कपास की फसल बर्बाद हो गई, जबकि दोआबा में सैकड़ों एकड़ मक्का और गन्ने की फसल मौसम की मार और कीटों प्रकोप से नष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य में धान और गन्ने की फसल गिर गई है तथा बागवानी को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि बारिश और कीटों के प्रकोप से बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी करवाई जाए तथा 20,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।
विधायक संधवां ने आरोप लगाया कि जहां नरेंद्र मोदी सरकार पंजाब के किसानों को काले कृषि कानूनों से तबाह करने की कोशिश कर रही है, वहीं कैप्टन सरकार का कृषि विभाग फसलों और किसानों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है। सरकार फसलों को गुलाबी मक्खी और अन्य कीटों से बचाने के लिए पर्याप्त कीटनाशक प्रदान करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार केवल कुर्सी के लिए लड़ रही है और मुख्यमंत्री अपने फार्म हाउस में मस्त हैं।
संधवां ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद है, न तो पंजाब में खुद का कृषि मंत्री है और न ही कृषि नीति है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार फसल बीमा योजना को लागू करने में विफल रही है। इसलिए फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को मुआवजे का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए। मुआवजे की सख्त और जटिल शर्तों के कारण जरूरतमंद किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और सरकारी खाते में राशि लगातार बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार को फसलों के मुआवजे के लिए विधानसभा में कानून लाना चाहिए, ताकि निर्धारित समय के भीतर फसलों के नुकसान का भुगतान न करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके और किसान मुआवजे के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकें।

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