केन्द्रीय टीम ने की राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यों की सराहना; नौ जिलों के गांवों और प्रोजेक्ट्स का दौरा करने के बाद दिया फीडबैक

केन्द्रीय टीम ने की राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यों की सराहना; नौ जिलों के गांवों और प्रोजेक्ट्स का दौरा करने के बाद दिया फीडबैक

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केन्द्रीय टीम ने की राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यों की सराहना; नौ जिलों के गांवों और प्रोजेक्ट्स का दौरा करने के बाद दिया फीडबैक

जयपुर, 17 दिसम्बर। भारत सरकार में जल शक्ति मंत्रालय के राष्टींय जल जीवन मिशन के दल ने प्रदेश में जल जीवन
मिशन के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न जिलों में चल रहे कार्यों की सराहना की है।
राष्टींय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम) की निदेशक रूपा मिश्रा ने अपने दल के साथ गुरुवार को जयपुर में शासन
सचिवालय में स्थित राष्टींय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के वीडियों कांफ्रेंसिंग (वीसी) सेंटर से प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत
जिलों में गठित जिला जल एवं स्वच्छता समितियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि एनजेजेएम की टीम ने पिछले चार दिनों में प्रदेश
के 9 जिलों के गांवों में चल रही परियोजना के कार्यों को देखा है। इससे मिले फीडबैक के लिहाज से प्रदेश में कुल मिलाकर जजेएम के
काम को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं।
वीसी के दौरान एनआईसी सेंटर में एनजेजेएम निदेशक के साथ उनकी टीम के विशेषज्ञ तथा नई दिल्ली से निदेशक
अजय कुमार, एनआईसी की डीडीजी सीमांतिनी सेनगुप्ता तथा यूनीसेफ के वॉश विशेषज्ञ श्री मनीष आहूजा, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता 1⁄4तकनीकी1⁄2 श्री दिनेश गोयल तथा डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक अमिताभ शर्मा सहित जलदाय विभाग के अन्य अधिकारियों ने भी भागीदारी करते हुए अलग-अलग विषयों पर अपनी बात रखते हुए अनुभव साझा किए।
एनजेजेएम की निदेशक रूपा मिश्रा ने कहा कि जल जीवन मिशन में प्रोजेक्ट्स की समयबद्ध क्रियान्विति सर्वोपरि है। इसमें
टेंडरिंग के बजाय सर्विस डिलीवरी पर खास जोर दिया गया है। प्रभावी सर्विस डिलिवरी के लिए केन्द्र और सभी राज्यों के स्तर पर श्रेष्ठ अनुभवों को साझा कर आगे बढ़ने की दिशा में पार्टनरशिप की आवश्यकता
है। उन्होंने कहा कि जेजेएम के तहत देश में चल रहे कार्यों के आने वाले दिनों में सुखद परिणाम सामने आएंगे। मिश्रा ने राज्य में
प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए ‘अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम‘ के प्रयोग की तारीफ करते हुए सभी जिलों में ग्रामीण जल एवं स्वच्छता
समितियों के गठन के कार्यों में और तेजी लाने तथा इससे सम्बंधित डाटा को आईएमआईएस पर अपलोड करने की आवश्यकता
जताई। उन्होंने कहा कि राज्यों में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से जुड़े तंत्रा के साथ इस प्रकार के संवाद से वहां हो रहे कार्यों का
अध्ययन करते हुए उनको फील्ड विजिट से प्राप्त फीडबैक देने तथा अन्य राज्यों में चल रहे जेजेएम के कार्यों के अध्ययन से प्राप्त श्रेष्ठ
कार्यों (बेस्ट प्रैक्टिसेज) के बारे में जानकारी साझा की जा रही है।
वीसी के दौरान केन्द्रीय दल के सदस्यों रूप मुखर्जी, प्रत्यूष चौधरी, भाविक गुप्ता, रोहन बुद्धिराजा, प्रदीप
तिवारी और एस. परमेश्वरन ने पिछले चार दिनों में प्रदेश के 9 जिलों करौली, अजमेर, अलवर, उदयपुर, सिरोह, पाली, सीकर, चुरू और
झुंझुनू में चल रहे जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स के अध्ययन से प्राप्त फीडबैक पर जिलों के एनआईसी सेंटर्स में मौजूद जलदाय
विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की।
केन्द्रीय दल द्वारा अपनी फील्ड विजिट के दौरान करौली जिले में तैयार किए गए विलेज एक्शन प्लान में स्थानीय लोगों की
भागीदारी के कंसेप्ट, उदयपुर जिले के प्रोजेक्ट्स में प्रयुक्त सोलर बेस्ड वाटर टींटमेंट तकनीक, सिरोही जिले के घरात गांव की योजना
में सभी घरों की भागीदारी तथा चुरू जिले के तारानगर की परियोजना में स्काडा सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग की व्यवस्था की
विशेष रूप से सराहना की गई।
इस दौरान आईएमआईएस पर डाटा फीड करने, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में नल कनेक्शन से पेयजल सप्लाई, गुणवत्ता
प्रभावित आबादियों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, प्रयोगशाला में जल नमूनों के नमूनों की जांच की प्रक्रियाओं तथा ग्रामों एवं जिलों के
एक्शन प्लान के बारे में भी नई दिल्ली से विशेषज्ञों ने अपने प्रस्तुतीकरण दिए।