जन्म प्रमाण पत्र तो मेरे पास भी नहीं और न ही आधा पंजाब पेश कर सकता है-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

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मुख्यमंत्री द्वारा संवैधानिक संशोधन एक्ट/राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर/राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर का ज़ोरदार विरोध
चंडीगढ़, 19 मार्च:
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संवैधानिक संशोधन एक्ट /राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर /राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर को हास्यास्पद और असंवैधानिक बताते हुए ज़ोरदार विरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके समेत आधा पंजाब भारतीय होने का सबूत देने के लिए जन्म प्रमाण पत्र पेश नहीं कर सकता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब के बहुत से लोग पाकिस्तान से आए हैं और क्या केंद्र जन्म सर्टिफिकेट लेने के लिए उनके पाकिस्तान जाने की उम्मीद रखता है?
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहाँ तक कि मेरे पास भी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। जब मेरा जन्म हुआ था, उस समय पर यह बातें नहीं थी होती।’’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मरदमशुमारी की नयी प्रणाली के अंतर्गत वह भी ‘संदिग्ध पात्र’ बन जाएंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने इन एक्टों की कड़ी विरोधता करती है और पंजाब में आम जनगणना की जायेगी जो धर्म, जाति और नसल पर अधारित नहीं होगी।
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इन कानूनों और दस्तावेज़ों को सिद्ध करने की कोशिशों संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सख्त नोटिस लेते हुए कहा कि यहाँ तक मुल्क के लिए लड़ाई लडऩे वाले पूर्व सैनिकों को भी ग़ैर-भारतीय ऐलाना गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 72 सालों से भारत एक विविधतापूर्ण देश रहा है और संविधान एवं इसकी प्रस्तावना की सच्ची भावना के अनुसार विभिन्न धर्मों, जातियों और नसलों के लोग मिलकर रह रहे हैं। उन्होंने यहाँ सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘अचानक वह मुल्क की इस विलक्षणता को मिटाना चाहते हैं जिसको स्वीकृत नहीं किया जा सकता।’’
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लोगों की ख़ासकर नौजवानों की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि यह मुल्क के लिए काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार संभावित तौर पर हरेक को एक डिब्बे में डालकर उनको सात दशकों से अधिक समय से पहले वाले दौर में नहीं ले जा सकती।