कोरोना काल में भी नही थमी आवास निर्माण की प्रगति, माइक्रो मैनजमेंट से हासिल किया लक्ष्य
93 हजार 128 लोगों के आशियाने का सपना हुआ साकार
जयपुर
17 जून, 2021
डूंगरपुर जिले में कोरोना के चुनौती भरे दौर में भी राजस्थान के दक्षिणाचंल अवस्थित जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले ने माइक्रो मैनजमेंट तथा योजनाबद्घ तरीके से कार्य करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 93 हजार 128 लोगों के आशियाने का सपना साकार कर राज्य में प्रथम तथा देशभर में दूसरा स्थान अर्जित कर इतिहास रचा है।
किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा सपना खुद का घर होना है, ऐसे में विगत दो सालों में कोरोना महामारी के कारण जहां चारों ओर चुनौतियां एवं कोहराम मचा था, वहीं डूंगरपुर जिला कलटर श्री सुरेश कुमार ओला एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती अंजलि राजोरिया ने चिकित्सा एवं अन्य व्यवस्थाओं के साथ-साथ इस बात पर भी पूरा फोकस किया कि भौगोलिक दृष्टिकोण से पहाड़ी बसावट एवं लघु सीमांत एवं पूर्ण रूप से बरसात पर आधारित कृषि प्रदान इस जिले के लोगों को रोजगार के लिए पलायन ना करना पड़े। साथ ही आगामी मानसून से पूर्व लोगों के सिर पर अपनी खुद की छत हो । इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लंबित पड़े अधूरे आवासों के साथ-साथ इस सत्र में दिए गए लक्ष्य पर पूरा ध्यान केन्द्रित करते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग एवं टीम वर्क के साथ कार्य किया गया।
जिला कलटर ने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित जिला परिषद् एवं ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग डूंगरपुर की पूरी टीम जिसमें विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी ने धरातल स्तर पर कडी मेहनत की है। इसका ही परिणाम है कि हम इस लक्ष्य को पूरा करने में सफल रहें। इस सफलता के लिए जिला कलेटर ने पूरी टीम के प्रयासों की भरपूर सराहना की।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत डूंगरपुर जिले में एक लाख 54 आवासों को स्वीकृत करते हुए 93 हजार 128 आवास पूर्ण कराये गये। इसमें विभिन्न पैरामीटर्स पर डूंगरपुर जिले ने अच्छा कार्य करते हुए प्रदेश में पहला तथा देश भर में दूसरा स्थान अर्जित किया। जिले में कोरोना काल के दौरान आवास योजना के साथ मनरेगा के अंतर्गत मानव दिवस सृजित किये गये एवं लोगों को रोजगार दिया गया।
माइक्रो मैनेजमेंट के साथ की कार्यवाही :
आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला कलटर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सबसे पहले गेप्स पर फोकस किया। साथ ही वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न स्तरों पर बैठकें आयोजित कर आवास कार्य पूर्ण करने के लिए प्रेरित करते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग की। लगातार किए गए प्रयासों से ही इस विपरीत एवं चुनौती भरे दौर में भी इस उपलिध को हासिल किया जा सका।
दैनिक फिल्ड विजिट से हुई प्रभावी मॉनिटरिंग :
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि, समस्त पंचायत समिति, ग्राम पंचायतों के अधिकारियों-कार्मिकों द्वारा अपूर्ण आवासों को पूर्ण करने हेतु दैनिक एवं सत्त फिल्ड विजीट कर लोगों को प्रेरित करते हुए आवास निर्माण पूर्ण करवाने के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग की गई।
कम प्रगति वाली ग्राम पंचायतों पर किया फोकस :
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत अपूर्ण आवासों की फिल्ड विजिट कर जिला स्तर के साथ-साथ पंचायत समिति स्तर पर कम प्रगतिवाली ग्राम पंचायतों पर फोकस किया। जिले के सरपंच गणों एवं ग्राम विकास अधिकारियों की समय-समय पर बैठक बुलाकर अप्रारम्भ एवं अपूर्ण आवासों को पूर्ण कराने हेतु लगातार समीक्षा भी की गई। साथ ही कोराना काल में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, आवास प्रभारियों से आवास सबंधित समीक्षा कर सोशल डिस्टेनसिंग की पालना करते हुये आवास की जिओ टेग करने का कार्य किया गया।
शनिवार एवं रविवार को भी विशेष टास्क :
जिला कलटर द्वारा समस्त उपखण्ड अधिकारियों को अपूर्ण आवासों को पूर्ण कराने हेतु कम प्रगति वाली ग्राम पंचायतों में शनिवार एवं रविवार को भी निरीक्षण करने हेतु विशेष टास्क दिया गया। इसमें सभी चिन्हित ग्राम पंचायतों में उपखंड अधिकारियों, विकास अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों ने आपसी समन्वय से अपूर्ण कार्यो को पूर्ण करवाने में महत्ती भूमिका का निर्वहन किया।
प्रेरित करने के लिए मनाया ‘आवास सप्ताहÓ :
जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत अप्रारंभ एवं अपूर्ण आवासों को पूर्ण कराने हेतु ‘आवास सप्ताहÓ मनाया गया। इसमें विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा अप्रारम्भ एवं अपूर्ण आवासों के लाभार्थियो से संपर्क किया गया एवं अप्रारंभ आवासों के कार्य मौके पर शुरू करवाये गये। साथ ही अपूर्ण आवासों को पूर्ण कराने हेतु दैनिक प्रगति के अनुसार 56 दिन का लक्ष्य दिया गया। इसमें दैनिक प्रगति के लक्ष्य के अनुसार, फिल्ड विजिट कर जिओ टेग करना, समय पर भुगतान को प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने पर सफलता प्राप्त हुई।
आवास के साथ मिला रोजगार :
यह सफलता जिले के साथ-साथ लाभार्थियों के लिए भी दोहरी खुशी देने वाली रही। इससे कोरोना काल में लोगों को अपने ही गांव में रोजगार भी मिल पाया। लाभार्थियों के लिए अपने खुद की छत होने का सपना पूरा होने के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में रोजगार के लिए जिले से बाहर पलायन भी नहीं करना पडा।
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